कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को आज गुरुवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया। असम पुलिस के निर्देश पर यह कार्रवाई हुई। बीजेपी शासित असम, यूपी, एमपी आदि में पवन खेड़ा के खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी के पिता के नाम का गलत उच्चारण करने पर ढेरों एफआईआर दर्ज की गई है। उसी आधार पर असम पुलिस ने यह कार्रवाई की है। लेकिन घटनाक्रम बता रहे हैं कि यह कार्रवाई दरअसल राजनीतिक शत्रुता की लड़ाई बन गई है।
क्या कहा था पवन खेड़ा ने
गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के अन्य सीनियर नेताओं ने सोमवार को आरोप लगाया था कि पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नरेंद्र दामोदर दास मोदी के नाम का उच्चारण नरेंद्र गौतमदास मोदी किया था। हालांकि उसी समय अगली ही लाइन में खेड़ा ने फिर मोदी का सही नाम लिया। उन्होंने उसी समय अपने वहां बैठे कांग्रेस नेता से मोदी का सही नाम पूछा। इस संबंध में जो वीडियो उसी दिन से वायरल है, उसमें भी इसे देखा जा सकता है। खेड़ा ने तब यह भी कहा था कि उनका मकसद पीएम मोदी की बेइज्जती करना नहीं है लेकिन मोदी और अडानी के रिश्तों पर आज जो सवाल हो रहे हैं, वो किसी से छिपे नहीं हैं।
Antonio bar dancer ke chamche Pawan kheda ko kya problem hai bhai ? pic.twitter.com/FstYZSVeWp
— PRlNCE ➐ ( Bajrang Dal Stan Acc )🚩 (@Anon07__) February 20, 2023
कांग्रेसी क्यों देते रहते हैं बयान
पवन खेड़ा से भी ज्यादा विवादित बयान कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर का था। मणिशंकर अय्यर ने 2017 में पीएम मोदी के लिए एक गलत शब्द का इस्तेमाल किया था। बाद में उन्होंने माफी मांगी और दिल्ली पुलिस ने उनके इस बयान पर उन्हें क्लीन चिट भी दी। मणिशंकर के उस बयान का बीजेपी ने काफी प्रचार किया था। वो इतना ज्यादा प्रचार था कि पीएम मोदी के संबंध में आज भी मणिशंकर के विवादित शब्द को याद किया जाता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री की जुबान भी एक बार फिसली थी जब उन्होंने पीएम मोदी के लिए औकात जैसे शब्द का इस्तेमाल किया था।
एमपी के कांग्रेस नेता राजा पटेरिया ने मोदी की हत्या वाला बयान दिया था। पुलिस ने उन्हें दामोह में गिरफ्तार कर लिया था। ज्यादा दिन नहीं बीते हैं जब कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को रावण बताया था। दिग्विजय सिंह भी मोदी की तुलना रावण से कर चुके हैं। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश पीएम मोदी को भस्मासुर बता चुके हैं। कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद भी पीएम मोदी के लिए मणिशंकर अय्यर से भी घटिया शब्द बोल चुके हैं, जिसे यहां लिखा नहीं जा सकता। खुद राहुल गांधी पीएम मोदी के संबंध में चौकीदार चोर है जैसा बयान दे चुके हैं। इसी तरह प्रवक्ता राशिद अल्वी और आनंद शर्मा भी पीएम मोदी के लिए विवादित शब्दों का उल्लेख कर चुके हैं। बीजेपी ने कांग्रेस नेताओं के इन बयानों को आधार बनाकर चुनाव के दौरान खूब भुनाया।
लेकिन पीएम मोदी के खिलाफ विवादित बयान देने पर अभी तक सिर्फ पवन खेड़ा, राजा पटेरिया पर ही प्रत्यक्ष कार्रवाई हुई। लेकिन किसी नेता पर बीजेपी ने कार्रवाई की मांग नहीं की।
पप्पू किसने कहा
बीजेपी नेता भी गांधी परिवार और नेहरू की छवि खराब करने का कोई मौका नहीं चूकते। राहुल गांधी का कहना है कि उन्हें पप्पू साबित करने पर बीजेपी और केंद्र सरकार ने करोड़ रुपये बहा डाले। राहुल गांधी को पप्पू शब्द से नवाजने की शुरुआत बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने की थी। हालांकि जब संबित पात्रा को दूसरे सवालों पर कांग्रेस नेताओं ने काउंटर किया तो वो चुप हो गए लेकिन उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राहुल को बात-बात में पप्पू बोलना शुरू कर दिया। कांग्रेस के लिए राहुल गांधी की यह छवि महंगी पड़ी।
मोदी ने जो कहा, उसका क्या है
पीएम मोदी समय-समय पर गांधी परिवार और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के लिए लिए जिस शब्दावली का इस्तेमाल करते रहे हैं, वो भी विवाद का विषय रही है। प्रधानमंत्री बनने से पहले भी मोदी के बयान विवादास्पद रहे हैं।
2004 में मोदी ने आडवाणी की भारत उदय यात्रा के दौरान अपने भाषण में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इटली की गुड़िया, जर्सी गाय और उनके बेटे राहुल गांधी को हाइब्रिड बछड़ा कहा था। इस पर विवाद हुआ तो आडवाणी सहित तमाम बड़े नेताओं के समझाने पर मोदी ने इस बयान पर माफी मांग ली।
MP @RajBabbarMP addressed Modi's mother as 'Poojaniya Mata ji' and Modi addressed @RahulGandhi's mother as 'Congress ki Vidhwa'.
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) December 9, 2018
This is the difference between the cultures that Congress & RSS represent.
PM Modi is sick! The Debate Ends Here! pic.twitter.com/wLde9c9B8z
मोदी जब प्रधानमंत्री नहीं बने थे और यह 2013 की बात है। उस समय वो कांग्रेस नेताओं पर जबरदस्त हमले कर रहे थे। उनके निशाने पर उस समय कांग्रेस सांसद शशि थरूर आ गए थे। उसी दौरान शशि थरूर ने सुनंदा पुष्कर से विवाह किया था। मोदी ने 2013 की एक रैली में शब्द कहे थे - 50 करोड़ की गर्ल फ्रेंड। बाद में मोदी ने कई रैलियों में 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड जुमले का इस्तेमाल किया था। मोदी ने सुनंदा पुष्कर का नाम लिए बिना सवाल किया था कि उस महिला के खाते में 50 करोड़ रुपये कहां से आए थे। हालांकि मोदी ने इस कहानी का पूरा बैकग्राउंड जनता को नहीं बताया था। कुछ वर्षों बाद सुनंदा पुष्कर की मौत हो गई थी। जिसका केस अभी भी चल रहा है। दिल्ली पुलिस थरूर का बयान ले चुकी है।
नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो भी उनकी जबान फिसलती रही। 4 दिसंबर 2018 को जयपुर की रैली में उन्होंने अपने भाषण में हालांकि सोनिया गांधी का नाम नहीं लिया लेकिन उनके मुंह से ये शब्द निकला था - ये कांग्रेस की कौन सी विधवा थी, जिसके खाते में रुपया जाता था।
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