शाहरुख खान की फिल्म पठान के खिलाफ चंद संगठनों का अभियान खासतौर पर उत्तर भारत में जोर पकड़ गया है। मुजफ्फरपुर कोर्ट में इस फिल्म के गाने बेशरम रंग को लेकर कोर्ट में शिकायत अर्जी लगाई गई है। रुड़की में संत समाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पठान फिल्म पर रोक लगाने की मांग की है। दक्षिणपंथी संगठनों का गुस्सा सबसे ज्यादा सामने आ रहा है। हालांकि दक्षिणपंथियों के अलावा कुछ अन्य लोगों ने भी इसमें अश्लीलता देख ली है और वे सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। लेकिन ऐसे लोगों ने फिल्म पर बैन लगाने या एफआईआर कराने जैसी कोई मांग नहीं की है।
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की कोर्ट में एक शिकायत याचिका दायर की गई, जिसमें शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण के खिलाफ उनकी आगामी फिल्म 'पठान' के एक गाने में हिंदुओं की "धार्मिक भावनाओं को आहत करने" के लिए एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।
मुजफ्फरपुर के वकील सुधीर ओझा ने सीजेएम कोर्ट में मामला दायर किया, जो 3 जनवरी को मामले की सुनवाई करेगा।
ओझा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि फिल्म 'पठान' का गीत 'बेशरम रंग' आपत्तिजनक है और यह हिंदू समुदाय की भावनाओं को आहत करता है।
इस रिपोर्ट को आगे पढ़ने से पहले आप नीचे लिंक पर उस गाने बेशरम रंग को सुन सकते हैं और ये समझ सकते हैं कि दीपिका पादुकोण चंद सेकंड के लिए केसरिया रंग के कपड़े में नजर आती हैं। लेकिन इतने मात्र से चंद लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं। इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक यशराज फिल्म के यूट्यूब पेज पर इस गाने को दस लाख से ऊपर लोग देख चुके हैं। इसी तरह शाहरुख खान ने अपने सोशल मीडिया हैंडल (इंस्टाग्राम, ट्विटर और फेसबुक) पर इस गाने का लिंक शेयर किया था। वहां भी लाखों लोग इसे देख चुके हैं। उन पर आ रहे कमेंट से फिल्म की लोकप्रियता का अंदाजा रिलीज से पहले लगाया जा सकता है। यही गाना तमिल, तेलगू और मलयाली भाषा में भी जारी हुआ है, वहां पर इस तरह का कोई विवाद देखने में नहीं आ रहा है। रिपोर्ट पर आगे बढ़ने से पहले नीचे गाना सुनिए।
इस गाने के रिलीज होने के बाद देश के कुछ हिस्सों में विवाद हो रहा है, जिसमें इसकी सामग्री को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने हाल ही में गाने में दीपिका पादुकोण की पोशाक कुछ सेकंड के लिए केसरिया रंग पर गुस्सा किया था, इसे "सुधार" करने के लिए कहा था।
इंदौर सहित कुछ जगहों पर फिल्म पठान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
संत समाज ने आज शनिवार को रुड़की में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पठान के गीत पर ऐतराज जताते हुए फिल्म को बैन करने की मांग की है। संत समाज ने कहा कि यह सनातन धर्म का अपमान है। भगवा रंग हिन्दुओं की भावनाओं का प्रतीक है। पठान फिल्म के गाने में उसी रंग को अश्लील ढंग से चित्रित किया गया है। यह सनातन धर्म का घोर अपमान है। स्वामी मैत्रेयी गिरि के आश्रम में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी संतों ने फिल्म पठान पर बैन लगाने की मांग की। बता दें कि इससे पहले अयोध्या के महंत राजू दास बयान दे चुके हैं कि जहां पठान फिल्म लगे उस सिनेमा हॉल को ही फूंक दो। महंत ने कहा था कि फिल्म का गाना बेशरम रंग सनातन धर्म का अपमान कर रहा है। अभी तक पुलिस ने महंत राजू दास के इस भड़काने वाले बयान का संज्ञान नहीं लिया है।
पठान के खिलाफ सबसे पहले मध्य प्रदेश सरकार से हमला हुआ था। एमपी सरकार के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गाना रिलीज होने पर इसमें केसरिया रंग के कपड़े के इस्तेमाल पर ऐतराज किया। मध्यप्रदेश के संस्कृति बचाओ मंच ने इसे और हवा दे दी। मंच के प्रवक्ता चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि फिल्म को मध्य प्रदेश में नहीं चलने दिया जाएगा।
महाराष्ट्र में बीजेपी के विधायक राम कदम ने भी फिल्म का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह फिल्म हिन्दू भावनाओं का ख्याल नहीं करती है। इस फिल्म को रिलीज नहीं किया जाना चाहिए। बीजेपी विधायक कदम ने कहा- जेएनयूधारी क्या ज़नेउधारी विचारधारा को जानबूझकर आहत करने का ये दुस्साहस है? बता दें कि विधायक का इशारा एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण की तरफ है, जिन्होंने जेएनयू में जाकर छात्र आंदोलन का समर्थन किया था।
फिल्म अभिनेता मुकेश खन्ना ने भी फिल्म के गाने का विरोध किया है। उनका कहना है कि समाज में अश्लीलता को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। बता दें कि मुकेश खन्ना अपने धार्मिक रोल के लिए कई सीरियलों में मशहूर हैं।
कुछ उलेमा भी परेशानफिल्म पठान को लेकर कुछ दक्षिणपंथी संगठनों या उस विचारधारा को मानने वालों की भावनाएं तो आहत हो ही रही हैं लेकिन चंद मुस्लिम उलेमा भी कम आहत नहीं हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक एमपी उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष सैयद अनस अली ने कहा कि इस फिल्म के गाने से मुस्लिम समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं। हम इस फिल्म को सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं देशभर में रिलीज नहीं होने देंगे। इस गाने से सिर्फ पठान लोग ही नहीं, पूरा मुस्लिम समुदाय अपमानित हुआ है।
सैयद अनस ने कहा पठान का चरित्र गलत ढंग से पेश किया जा रहा है। फिल्म का नाम पठान है और इसमें उसके आसपास महिलाएं अश्लील डांस कर रही हैं। यही पठान का चरित्र है। फिल्म बनाने वाले और शाहरुख खान इस फिल्म का नाम बदलें। नाम बदलकर आप चाहे जो करें। अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिल्म का देश में ही नहीं, विदेश में भी विरोध होगा। हम एफआईआर तक करा सकते हैं। हम इस मामले में सेंसर बोर्ड को भी लिखने जा रहे हैं।
शाहीन बाग आंदोलन के दौरान चर्चा में आए एक्टिविस्ट नदीम खान ने भी सोशल मीडिया पर फिल्म के गाने में परोसी गई अश्लीलता का विरोध किया है। उन्होंने यह भी लिखा है कि जो भी लोग (मुस्लिम) इस आधार पर दक्षिणपंथियों का विरोध कर रहे हैं कि उन्होंने पठान का विरोध किया है, यह गलत है। अश्लीलता का समर्थन नहीं किया जा सकता। जो चीज गलत है तो सभी के लिए गलत है। नदीम खान के सोशल मीडिया वक्तव्य का चंद मुस्लिम लोगों ने समर्थन भी किया है।
पठान फिल्म को 25 जनवरी 2023 को रिलीज करने की घोषणा की गई है। हालांकि जिस तरह से कुछ लोगों ने इसमें सेंसर बोर्ड से हस्तक्षेप की मांग की है और इसमें अगर राजनीतिक दखलन्दाजी बढ़ती है तो फिल्म की रिलीज आगे बढ़ सकती है। दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध को सरकार कितना महत्व देगी, इस फिल्म से उसकी परीक्षा हो जाएगी।
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