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पठान फिल्म में शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण मुख्य भूमिकाओं में हैं।

पठानः बेशरम रंग को 10 करोड़ ने देखा, दूसरा गाना भी नई ऊंचाई पर

पठान फिल्म पर तमाम विवादों के बीच इसके अभी तक रिलीज हुए दो गाने सफलता की नई इबारत लिख रहे हैं। पठान फिल्म का संगीत विशाल-शेखर की जोड़ी ने दिया है। विशाल का पूरा नाम विशाल ददलानी है। उन्होंने आज 22 दिसंबर को एक ट्वीट करके बेशरम रंग गाने के दस करोड़ व्यूज होने पर दर्शकों को बधाई दे डाली। लेकिन आज ही रिलीज हुआ दूसरा गाना महज 4 घंटे में 52 लाख व्यूज तक जा पहुंचा। 

पठान फिल्म 26 जनवरी के मौके पर रिलीज होगी। लेकिन उसके पहले गाने पर विवाद होने की वजह से फिल्म पर चर्चा पहले शुरू हो गई। फिल्म के मुख्य एक्टर शाहरुख खान को अब जान से मारने की धमकियां तक मिल रही हैं। कई बाबाओं ने फिल्म दिखाने वाले सिनेमाघरों को फूंकने की धमकी तक दे डाली है। लेकिन फिल्म के संगीतकार विशाल ददलानी के आज के ट्वीट ने फिल्म के खिलाफ बॉलीवुड में भी बोल रहे लोगों की बोलती बंद कर दी है। 

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संगीतकार विशाल ददलानी ने  आज सुबह बताया कि पहले गाने बेशरम रंग ने दस करोड़ व्यूज को छू लिया है। विशाल के इस ट्वीट की पुष्टि यशराज फिल्म्स (वाईआरएफ) के यूट्यूब चैनल पर दिए गए आंकड़े ने भी की है। लेकिन सबसे उल्लेखनीय यह है कि आज 22 दिसंबर को पठान फिल्म का दूसरा गाना - झूमे जो पठान पूर्वाह्न 11 बजे रिलीज हुआ। इस रिपोर्ट को लिखे जाने के समय चार घंटे में इस गाने को 53 लाख लोग देख/सुन चुके थे। इससे पता चल रहा है कि दक्षिणपंथियों द्वारा इस फिल्म और इसके गाने के किए जा रहे विरोध का कोई असर नहीं पड़ा है। पठान फिल्म की संगीतकार जोड़ी के शेखर ने दूसरे गाने को ट्वीट किया है। सोशल मीडिया पर लोगों ने लिखा है कि झूमे जो पठान में गायक अरिजीत सिंह की आवाज गाने में सुनने लायक है। नीचे गाने का वीडियो देख/सुन सकते हैं, जिसे संगीतकार शेखर ने खुद ट्वीट किया है।

पठान के गाने का विरोध मध्य प्रदेश से शुरू हुआ था। एमपी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सबसे पहले बेशरम रंग के दृश्य और भगवा पोशाक के खिलाफ बयान देकर विरोध किया। उन्होंने कहा है कि भगवा रंग का मजाक उड़ाया गया है। हालांकि उस गाने में एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण महज चंद सेकंड के लिए भगवा रंग की बिकनी में नजर आती हैं। बाद में नरोत्तम मिश्रा के बयान पर आधारित विवाद इतना बढ़ा कि कई और दक्षिणपंथी नेता सामने आए और उस फिल्म के खिलाफ कार्रवाई करने की शिकायत का समर्थन किया।

पठान पर मौजूदा विवाद हालांकि नया नहीं है। ऐसा पहले भी कई बार हुआ कि विभिन्न विवादों के चलते कई बॉलीवुड फिल्मों का बहिष्कार किया गया। ऐसे सभी फिल्म बहिष्कार और विवाद मुख्य रूप से 2020 में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद ज्यादा सामने आए।इस वजह से लोगों के मन में धीरे-धीरे बॉलीवुड के प्रति क्रोध और नफरत भर उठी।

भारत में इस फिल्म को लेकर अब दो पक्ष बन गए हैं। एक तरफ हिंदुत्व के कथित अपमान को मुद्दा बनाकर दक्षिणपंथी फिल्म के बहिष्कार का आह्वान कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ शाहरुख के प्रशंसक इस विवाद को सिर्फ समय की बेवजह बर्बादी के तौर पर देख रहे हैं। तमाम फिल्मों में हीरोइनें बिकनी या फिर अलग-अलग रंग के कपड़े पहने नजर आई हैं। लेकिन तब दक्षिणपंथियों का हिंदुत्व और धर्म नहीं जागा।
दक्षिणपंथियों का आरोप है कि हर बॉलीवुड फिल्म में विशेष प्रचार को बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ-साथ धार्मिक और राजनीतिक मुद्दे चित्रित किए जाते हैं। दक्षिणपंथियों का कहना है कि फिल्म के माध्यम से मुस्लिम धर्म का परोक्ष प्रचार हो रहा है और दूसरी तरफ हिंदू धर्म को बदनाम किया जा रहा है।

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इससे पहले कि किसी को पता चलता कि फिल्म हिट है या फ्लॉप, ट्विटर पर बॉयकॉट पठान ट्रेंड करने लगा। फिल्म के मशहूर हीरो या हीरोइन या कहानी की अब कोई कीमत नहीं रह गई है। राजनीतिक उथल-पुथल के कारण, आजकल किसी फिल्म को अक्सर सोशल मीडिया पर रिलीज होने से पहले ही हिट या फ्लॉप का दर्जा दे दिया जाता है। इस खेल में कुछ नेता, बॉलीवुड के पिटे हुए अभिनेता आदि शामिल हैं। इनमें से कुछ रातोंरात दक्षिणपंथ का चोला पहनकर सरकार के पक्ष में भी बयान जारी करते नजर आते हैं। किसी फिल्म की कहानी, एक्टिंग या किसी अच्छी चीज की तारीफ में शायद ही इनके बयान या ट्वीट कभी आते हों। पठान को लेकर शाहरुख खान को मिली जान से मारने की धमकी की भी इन लोगों ने अभी तक निन्दा नहीं की है।
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क़मर वहीद नक़वी
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