जीएसटी इंटेलीजेंस विभाग द्वारा पतंजलि फूड्स को कारण बताओ नोटिस भेजे जाने के बाद मंगलवार, 30 अप्रैल को सुबह के सौदों में बीएसई पर पतंजलि फूड्स के शेयर 4.05 फीसदी तक गिर गए। जीएसटी इंटेलीजेंस ने रामदेव की इस कंपनी को नोटिस भेजकर कहा है कि कंपनी बताए कि उससे 27.46 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट क्यों नहीं वसूला जाना चाहिए।
जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय ने 26 अप्रैल को कंपनी द्वारा की गई एक रेगुलेटरी फाइलिंग के बाद यह नोटिस भेजा गया है। योग गुरु रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि आयुर्वेद समूह की कंपनी पतंजलि फूड्स मुख्य रूप से खाद्य तेल के धंधे में है। खास बात यह है कि कंपनी हरियाणा और पश्चिमी यूपी से तेल मिलों से तेल खरीदती है और अपनी पैकेजिंग कर शुद्ध खाद्य तेल के नाम पर प्रॉडक्ट को बाजार में उतार देती है।
जीएसटी इंटेलीजेंस ने केंद्रीय माल और सेवा अधिनियम, 2017 और उत्तराखंड राज्य माल और सेवा अधिनियम, 2017 की धारा 74 और अन्य लागू प्रावधानों का हवाला दिया है, जो एकीकृत माल और सेवा कर (आईजीएसटी) अधिनियम, 2017 की धारा 20 के साथ पढ़ा जाता है। हालांकि पतंजलि फूड्स ने कहा, "फिलहाल, सरकारी विभाग ने सिर्फ कारण बताओ नोटिस जारी किया है, और कंपनी जीएसटी इंटेलीजेंस के सामने अपने मामले का बचाव करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करेगी।" कंपनी ने कहा कि कंपनी ने कहा, "...कार्यवाही पूरी होने तक अपेक्षित वित्तीय निहितार्थ तय नहीं किए जा सकते।" यानी पतंजलि फूड्स शेयर मार्केट की भाषा में यह बताना चाहती है कि जब तक इस मामले का निपटारा नहीं हो जाता तब तक इसे आर्थिक हानि-लाभ से नहीं जोड़ा जा सकता। लेकिन कंपनी के इस बयान का कोई फायदा नहीं हुआ और शेयर मार्केट में पतंजलि के शेयर 4 फीसदी तक धड़ाम हो गए।
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