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'मैंने और राजनाथ सिंह ने सभी वरिष्ठ नेताओं से बात की थी, डेरेक ओ ब्रायन को छोड़ किसी ने विरोध नहीं किया था। सबका कहना था कि महामारी की स्थिति है और इस व्यवस्था पर राजी हो गए थे। सुदीप बंदोपाध्याय सहमत थे। वह सदन में तृणमूल कांग्रेस के नेता हैं।'
प्रह्लाद वेंकटेश जोशी, संसदीय कार्य मंत्री
प्रश्न काल, शून्य काल रद्द
नोटिफिकेशन की जिस बात से विपक्ष गुस्से में था वह यह थी कि इस बार शून्य काल नहीं होगा न ही प्रश्न काल होगा। इसके अलावा प्राइवेट मेम्बर के लिए कोई दिन निश्चित नहीं किया गया है।नोटिफिकेशन में कहा गया है, 'सत्र के दौरान प्रश्न काल नहीं होगा। कोविड-19 की ख़ास स्थितियों को देखते हुए सरकार के इस आग्रह को मान लिया गया है और स्पीकर ने कहा है कि प्राइवेट मेम्बर के कामकाज के लिए अलग से कोई दिन न रखा जाए।'
'लोकतंत्र की हत्या'
पूरे विपक्ष ने इसका विरोध किया था। तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस व डीएमके समेत कई राजनीतिक दलों ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि लोकतंत्र की हत्या है।MPs required to submit Qs for Question Hour in #Parliament 15 days in advance. Session starts 14 Sept. So Q Hour cancelled ? Oppn MPs lose right to Q govt. A first since 1950 ? Parliament overall working hours remain same so why cancel Q Hour?Pandemic excuse to murder democracy
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) September 2, 2020
BJP govt’s decision to suspend the Question Hour for an entire session conveys just one message – “Even elected representatives have no right to question the government”.
— Kanimozhi (கனிமொழி) (@KanimozhiDMK) September 2, 2020
दूसरी ओर, कांग्रेस के ही सदस्य ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि संसद का मानसून सत्र असाधारण स्थितियों में हो रहा है और सामान्य दिन का कामकाज आधे समय में नहीं हो सकता।
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