संसद के मानसून सत्र में गुरूवार को एक बार फिर शोर-शराबा हुआ और पूरा दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। पेगासस जासूसी मामला, ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं होने के केंद्र सरकार के बयान के साथ ही किसानों के मुद्दे पर भी विपक्ष सरकार पर हमलावर रहा। सुबह कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा हुआ और लोकसभा और राज्यसभा को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
12 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष ने एक बार फिर कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों के मुद्दे को उठाया। हंगामे के कारण लोकसभा को 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
उधर, कार्यवाही शुरू होने के बाद राज्यसभा में विपक्ष ने एक बार फिर हंगामा किया और इस वजह से राज्यसभा को भी 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
बयान छीनकर फाड़ा
2 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष ने पेगासस जासूसी मामले और किसानों के आंदोलन के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और हंगामा होने लगा। हंगामे के बीच ही आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपनी बात रखनी शुरू की लेकिन हंगामा बढ़ता गया। जब वैष्णव बयान दे रहे थे, उसी वक़्त टीएसमी के सांसद शांतनु सेन ने उनके हाथ से बयान लिखा हुआ पर्चा छीन लिया और इसे फाड़कर उप सभापति की ओर को उड़ा दिया। इसे देखते हुए स्पीकर ने सदन को 23 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया।
दूसरी ओर, जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो वहां भी हंगामा होने लगा और कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गयी। इसके बाद सदन को 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। 4 बजे कार्यवाही शुरू होने के बाद फिर शोर-शराबा शुरू हो गया और सदन को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले लगातार दो दिन तक विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में पेगासस स्पाईवेयर के जरिये जासूसी के मामले को उठाया था।
कांग्रेस ने कहा है कि ऑक्सीजन की कमी से मौत न होने वाला बयान देकर मोदी सरकार ने देश को गुमराह किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को राज्यसभा में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत न होने का बयान दिया था।
संसद सत्र के पहले और दूसरे दिन भी संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ था और इस वजह से कई बार दोनों सदनों की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा था। सोमवार से शुरू हुआ संसद का मानसून सत्र 13 अगस्त तक चलेगा।
किसान संसद का आयोजन
केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसान संसद से कुछ ही दूरी पर स्थित जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन के तौर पर किसान अपनी संसद चला रहे हैं। किसानों को हर दिन 200 की संख्या में बसों के जरिये जंतर-मंतर लाया जाएगा और यहां पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वे अपनी संसद का आयोजन करेंगे। किसान नेताओं ने दिल्ली पुलिस को भरोसा दिलाया है कि उनका प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण और अनुशासित होगा। किसानों का जंतर-मंतर पर यह प्रदर्शन 13 अगस्त तक चलेगा।
इस मौक़े पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि चाहे किसी भी पार्टी का सांसद हो, अगर उसने किसानों की आवाज़ नहीं उठाई तो उसका विरोध किया जाएगा।
किसान हर दिन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक जंतर-मंतर पर मौजूद रहेंगे। उन्हें मार्च निकालने की इजाजत नहीं दी गई है। इस साल 26 जनवरी को हुई हिंसा के कारण दिल्ली पुलिस किसानों के इस आयोजन को लेकर खासी सतर्कता बरत रही है। दिल्ली पुलिस ने किसानों के इस आयोजन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त किया है और पूरे महकमे को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
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