गुरूवार को भी पेगासस जासूसी के मसले पर दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ था और इस वजह से पहले कई बार और बाद में इन्हें दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया था। दोनों ही सदनों में विपक्षी सांसदों ने नारेबाज़ी की थी और पेगासस पर चर्चा कराने की मांग की। संसदीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि सरकार इस मामले पर चर्चा के लिए तैयार है।
विपक्ष के हमलावर रूख़ के कारण सरकार बुरी तरह घिर गई है। बता दें कि बीते कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में हंगामा हो रहा है। पेगासस जासूसी के अलावा किसान आंदोलन को लेकर भी संसद से सड़क तक माहौल बेहद गर्म है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरूवार को कहा था कि वे पेगासस के मसले पर चर्चा चाहते हैं, अगर सरकार हमें इस पर चर्चा करने देती है तो सदन ठीक ढंग से चलेगा।
मानसून सत्र में हर दिन संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा व शोरगुल हो रहा है। पेगासस जासूसी मामले और किसानों के मुद्दों को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। 19 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र का अधिकतर वक़्त हंगामे की भेंट चढ़ गया है और इस वजह से संसद के कामकाज पर असर पड़ा है।
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एकजुट हुआ विपक्ष
विपक्षी सांसदों ने बुधवार को एक साथ आकर और प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि केंद्र सरकार बताए कि उसने पेगासस का सॉफ्टवेयर खरीदा या नहीं और उसने अपने लोगों पर इसका इस्तेमाल किया या नहीं। उन्होंने कहा था कि हम सिर्फ़ इतना ही जानना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सांसदों की आवाज़ को दबाया जा रहा है। इस दौरान उनके साथ कई विपक्षी दलों के सांसद मौजूद थे।
‘किसान संसद’ में भरा दम
केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों की संसद जारी है। इस संसद का आयोजन संसद से कुछ ही दूरी पर स्थित जंतर-मंतर पर किया जा रहा है। किसानों की यह संसद 13 अगस्त तक चलेगी। बारिश के बीच भी किसान आंदोलन और संसद में डटे हुए हैं।
किसान संसद में शामिल सदस्य अपने सवाल स्पीकर बनाए गए शख़्स से पूछते हैं और संसद में शामिल लोग ही सवालों के जवाब देते हैं। किसानों का कहना है कि लोकसभा और राज्यसभा की तर्ज पर ही इस किसान संसद को चलाया जा रहा है।
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विपक्षी दलों का मिला साथ
किसानों को विपक्षी राजनीतिक दलों की ओर से भी जोरदार समर्थन मिल रहा है। किसानों के आंदोलन को कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी, शिव सेना, डीएमके, जेएमएम, एसपी, आरजेडी, सीपीआई सहित तमाम विपक्षी दल समर्थन दे रहे हैं।
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी सोमवार को ट्रैक्टर चलाकर संसद पहुंचे थे। राहुल गांधी के इस क़दम से कांग्रेस ने यह संदेश देने की कोशिश है कि वह किसानों की आवाज़ को पुरजोर तरीक़े से उठाती रहेगी।
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