संसद के मानसून सत्र में बुधवार को भी हंगामा हुआ। कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों के सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में पेगासस जासूसी और किसान आंदोलन के मुद्दे को उठाया। इस वजह से राज्यसभा को 12 बजे और लोकसभा को 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने खेला होबे के नारे भी लगाए। 12.30 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो फिर से हंगामा होने लगा और सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में भी हंगामा जारी रहने के बाद सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
लेकिन जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई विपक्षी सांसदों ने एक बार फिर से पेगासस के मामले पर नारेबाज़ी शुरू कर दी। इसे देखते हुए लोकसभा को 3 बजे तक जबकि राज्यसभा में भी इसी मुद्दे पर हंगामा हुआ और सदन को 2.45 तक स्थगित करना पड़ा। फिर से हंगामा होने पर राज्यसभा को गुरूवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया जबकि लोकसभा को शाम 4 बजे तक।
मानसून सत्र में हर दिन संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा व शोरगुल हो रहा है। बुधवार को सदन शुरू होने से पहले विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक भी की और इसमें रणनीति को लेकर चर्चा हुई।
पेगासस जासूसी मामले और किसानों के मुद्दों को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। 19 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र का अधिकतर वक़्त हंगामे की भेंट चढ़ गया है।
मंगलवार को भी हंगामे की वजह से दोनों सदनों को दिन में कई बार और फिर पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा था। इस दौरान लोकसभा में विपक्षी दलों के सांसदों ने खेला होबे के नारे भी लगाए थे।
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा था कि सात विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अपील की है कि वह सरकार को निर्देश दें कि वह पेगासस जासूसी मामले, किसानों के मुद्दे पर चर्चा करे।
‘किसान संसद’ में जुटे किसान
केंद्र सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों की संसद जारी है। इस संसद का आयोजन संसद से कुछ ही दूरी पर स्थित जंतर-मंतर पर किया जा रहा है। किसानों की यह संसद 13 अगस्त तक चलेगी।
किसान संसद के दौरान इसमें शामिल सदस्यों ने अपने सवाल स्पीकर बनाए गए शख़्स से पूछे हैं और संसद में शामिल लोग ही सवालों के जवाब दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि लोकसभा और राज्यसभा की तर्ज पर ही इस किसान संसद को चलाया जा रहा है। किसानों को विपक्षी राजनीतिक दलों की ओर से भी जोरदार समर्थन मिल रहा है।
विपक्षी दलों का मिला समर्थन
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों को विपक्षी दलों का लगातार समर्थन मिल रहा है। किसानों के आंदोलन को कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी, शिव सेना, डीएमके, जेएमएम, एसपी, आरजेडी, सीपीआई सहित तमाम विपक्षी दल समर्थन दे रहे हैं।
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी सोमवार को ट्रैक्टर चलाकर संसद पहुंचे थे। राहुल गांधी के इस क़दम से कांग्रेस ने यह संदेश देने की कोशिश है कि वह किसानों की आवाज़ को पुरजोर तरीक़े से उठाती रहेगी।
इस मौक़े पर राहुल गांधी ने कहा कि सरकार को ये क़ानून वापस लेने ही पड़ेंगे। राहुल ने कहा कि किसानों का हक़ छीना जा रहा है।
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