संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया और यह 13 अगस्त तक चलेगा। सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ और इस वजह से कई बार कार्यवाही को पहले थोड़ी-थोड़ी देर के लिए और बाद में पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा।
लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा हुआ और 2 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। 2 बजे सदन चालू हुआ तो विपक्ष ने फिर से हंगामा किया और लोकसभा को 3.30 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। 3.30 बजे कार्यवाही शुरू होने के बाद केंद्रीय संचार व आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फ़ोन टैपिंग को लेकर सरकार की ओर से जवाब दिया।
हंगामे के बीच ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जासूसी के आरोप पूरी तरह ग़लत हैं। हाल ही में मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किए गए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह संयोग नहीं हो नहीं सकता कि इस तरह की ख़बरें संसद का सत्र शुरू होने से एक दिन पहले प्रकाशित की गई हैं।
विपक्षी सदस्यों के लगातार हंगामे को देखते हुए लोकसभा स्पीकर ने कहा कि विपक्ष के सदस्य जनहित के मुद्दों को उठाएं। इसके बाद उन्होंने सदन को अगले दिन 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
बता दें कि 40 पत्रकारों के फ़ोन टैपिंग की ख़बर सामने आने के बाद देश भर में हंगामा मचा हुआ है। ये पत्रकार 'हिन्दुस्तान टाइम्स', 'द हिन्दू', 'द इंडियन एक्सप्रेस', 'इंडिया टुडे', 'न्यूज़ 18' और 'द वायर' से जुड़े हैं।
'द वायर' ने एक ख़बर में यह दावा किया है। 'एनडीटीवी' ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि इसके अलावा 'संवैधानिक पद पर बैठे एक व्यक्ति' और विपक्ष के तीन नेताओं की जासूसी भी स्पाइवेयर से की गई है।
राज्यसभा में भी विपक्ष का हंगामा
सुबह कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्ष ने हंगामा किया और राज्यसभा को भी स्थगित करना पड़ा लेकिन 12.30 बजे फिर से सदन की कार्यवाही चालू हुई। इस बार भी विपक्ष ने हंगामा किया और सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। 2 बजे जैसे ही सदन चालू हुआ, विपक्ष के शोरगुल के कारण सदन को 3 बजे तक स्थगित कर दिया गया। कार्यवाही शुरू हुई तो फिर वैसा ही आलम रहा और सदन को दिन भर के लिए स्थगित करने का फ़ैसला लिया गया।
बताया गया है कि केंद्र सरकार इस सत्र में 23 नये विधेयक ला सकती है। कुछ ही दिन पहले ही मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया है। कोरोना काल के बीच हो रहे इस सत्र में पिछली बार की ही तरह कई सावधानियां रखी गई हैं।
मोदी, राजनाथ का हमला
विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा है कि बड़ी संख्या में महिलाएं, दलित वर्ग और पिछड़े वर्ग के नेता मंत्री बने हैं और नए मंत्रियों का परिचय तक नहीं होने दिया गया। मोदी ने राज्यसभा में भी यही बात कही। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा कि विपक्ष ने हंगामा किया और नए बने मंत्रियों का परिचय नहीं होने दिया।
किसानों का मुद्दा उठाया
पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने कहा कि केंद्र सरकार कृषि क़ानूनों को वापस ले। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की आवाज़ दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि किसान लगातार अपनी आवाज़ उठा रहे हैं लेकिन उनकी आवाज़ को नहीं सुना जा रहा है। कृषि क़ानूनों के मसले पर ही अकाली दल ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ दिया था और हरसिमरत कौर ने मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दे दिया था।
किसानों का प्रदर्शन बनेगा चुनौती
मोदी सरकार के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों की अगुवाई करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि 22 जुलाई से 200 लोगों की संख्या में हर दिन किसान संसद की ओर कूच करेंगे और यह क्रम संसद का सत्र चलने तक जारी रहेगा। मोर्चा के नेताओं ने कहा कि उनका यह कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा और वे संसद के सामने धरना देंगे।
लेकिन दिल्ली पुलिस के अफ़सरों ने रविवार को किसानों से मुलाक़ात की है और कहा है कि वे संसद के बजाय कहीं और विरोध प्रदर्शन करें। दिल्ली पुलिस के आला अफ़सरों ने शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल, जोगिंदर सिंह उगराहां और योगेंद्र यादव से मुलाक़ात की थी।
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