महुआ मोइत्रा के ख़िलाफ़ लोकसभा के एथिक्स पैनल की रिपोर्ट पेश किए जाने से पहले संसद के बाहर महुआ आक्रामक नज़र आईं। महुआ ने पत्रकारों से कहा, "मां दुर्गा आ गई है, अब देखेंगे… जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है। उन्होंने 'वस्त्रहरण' शुरू कर दिया है और अब आप 'महाभारत का रण' देखेंगे।"
संसदीय आचार समिति लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों पर आज यानी शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट पेश कर रही है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में संसद को महुआ को संसद से निष्कासित करने का सुझाव दे दिया है। इसी पर संसद को फैसला लेना है। बीजेपी ने अपने सांसदों को सदन में रहने के लिए व्हिप जारी कर दिया है। ऐसा इसलिए कि विपक्ष रिपोर्ट पर मत विभाजन की मांग कर सकता है। पिछले महीने ही लोकसभा की समिति ने महुआ के निष्कासन की सिफारिश की थी। आचार समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर ने कहा था कि एक बैठक में आचार समिति के छह सदस्यों ने सिफारिश वाली रिपोर्ट का समर्थन किया, जबकि चार ने इसका विरोध किया।
विपक्ष ने आचार समिति के तौर-तरीक़ों पर सवाल उठाया था। बैठक के संचालन के तरीक़े पर सवाल उठाने के बाद महुआ मोइत्रा और विपक्षी सांसद 2 नवंबर को आचार समिति की बैठक से बाहर चले गए थे। हालाँकि, समिति ने यह कहते हुए पलटवार किया था कि उसने सहयोग नहीं किया और अधिक सवालों के जवाब देने से बचने के लिए चली गई।
लोकसभा का एथिक्स पैनल महुआ मोइत्रा के ख़िलाफ़ बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच कर रहा था।
निशिकांत दुबे ने आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह किया था कि वे लोकसभा के लिए मोइत्रा के लॉग-इन क्रेडेंशियल के आईपी पते की जांच करें ताकि यह जांचा जा सके कि क्या उन तक किसी और की पहुंच थी।
इसके बाद दर्शन हीरानंदानी ने एक हलफनामा देकर दावा किया था कि महुआ ने उन्हें संसदीय लॉगइन आईडी और पासवर्ड दिया था ताकि वह उनकी ओर से सवाल पोस्ट कर सकें। हीरानंदानी ने लोकसभा की आचार समिति को वह हलफनामा दिया था।
हालाँकि महुआ ने कैश-फॉर-क्वेरी के आरोपों का खंडन किया है, लेकिन उन्होंने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी को अपना संसदीय लॉगइन आईडी पासवर्ड देने की बात स्वीकार की है। एथिक्स कमेटी ने दस्तावेजों और सबूतों के साथ तीन मंत्रालयों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर उन्हें तलब किया था।
इस मामले में टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि महुआ को राजनीति का शिकार बनाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह अपनी लड़ाई खुद लड़ने में सक्षम हैं।
भाजपा पर तृणमूल नेताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए अभिषेक ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह केंद्र सरकार का कदम है और मैंने एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के बारे में पढ़ा है। उन्होंने कहा है कि उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए। यदि आपके पास महुआ के खिलाफ कुछ भी नहीं है तो यह जांच का विषय है कि निष्कासन की सिफारिश क्यों की गई है? मुझे लगता है कि महुआ अपनी लड़ाई खुद लड़ने में सक्षम हैं। वे मुझे भी चार साल से प्रताड़ित कर रहे हैं, यह उनका मानक अभ्यास है।'
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