भारतीय जनता पार्टी किस तरह मुसलमानों को अपने निशाने पर लेकर उन्हें पाकिस्तान-परस्त और देशद्रोही साबित करने की कोशिश करती है, इसकी ताज़ा मिसाल वह वीडियो है, जिसे बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया है। इस वीडियो में यह साबित करने की कोशिश की गई है कि मेरठ में नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध कर रही भीड़ ने पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाए हैं।
मालवीय ने ट्वीट किया, ‘चूँकि यह पुराने वीडियो निकालने के समय है, यहाँ लखनऊ का वीडियो है, जहाँ सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पाकिस्तान जिन्दाबाद का नारा लगाते हुए देखे जा सकते हैं। उनसे संवाद करने की ज़रूरत है और कोई जाकर उनसे कहे कि वे अगली बार बापू की तसवीर और तिरंगा लेकर कैमरे के सामने आएँ।’
सत्तारूढ़ दल के आईटी सेल के प्रमुख का यह कहना अहम इसलिए भी है कि मेरठ के सिटी एसपी अखिलेश नारायण सिंह ने ख़ास समुदाय के कुछ लोगों को धमकाते हुए कहा था कि वे पाकिस्तान चले जाएँ। उन्होंने खुद को उचित ठहराते हुए कहा था कि कुछ युवकों ने पाकिस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाए थे, उसके बाद ही उन्होंने कहा था कि यहाँ मन नहीं लगता है तो पाकिस्तान चले जाओ।
सत्य हिन्दी ने इसकी पड़ताल की और उसमें अल्ट न्यूज़ की मदद ली। हम बताते हैं, हुआ क्या था।
वीडियो का सच!
ऑल इंडिया जलिस-ए-मुत्तहिदा-मुसलमीन (एआईएमआईएम) की उत्तर प्रदेश ईकाई ने लखनऊ में 13 दिसंबर को एनआरसी के ख़िलाफ़ एक मार्च निकाला था। यह मार्च घंटा घर से टीले वाली मसजिद तक गया। बीजेपी ने जो वीडियो ट्वीट किया है, वह इसी मार्च का है। लेकिन इस मार्च में भी पाकिस्तान जिन्दाबाद किसी ने नहीं कहा। इसमें क्या कहा, वह ग़ौर से सुनिए। उस मार्च में लगे नारे इस तरह हैं :
- नारे लगाने वाला : अकबर ओवैसी जिन्दाबाद
- भीड़ : जिन्दाबाद, जिन्दाबाद
- नारे लगाने वाला : कासिफ़ साब जिन्दाबाद
- भीड़ : जिन्दाबाद, जिन्दाबाद
- नारे लगाने वाला : कासिफ़ साब जिन्दाबाद
- भीड़ : जिन्दाबाद, जिन्दाबाद
- नारे लगाने वाला : हिन्दुस्तान, जिन्दाबाद
- भीड़ : जिन्दाबाद, जिन्दाबाद
देखिए, अल्ट न्यूज़ का यह वीडियो, जिसमें 'कासिफ़ साब जिन्दाबाद' के नारे लगाए जा रहे हैं।
इसमें 'पाकिस्तान जिन्दाबाद' नहीं, बल्कि 'हिन्दुस्तान जिन्दाबाद' के नारे लगाए गए। आप भी सुन सकते हैं वे नारे।
बीजेपी के लिए यह कोई नहीं बात नहीं है। उसके प्रचार तंत्र के निशाने पर मुसलमान समुदाय हमेशा ही रहा है। उसकी साइबर आर्मी मुसलमान ही नहीं, हर उस आदमी पर टूट पड़ती है तो बीजेपी की लाइन से थोड़ा भी असहमत होता है, भले ही वह सुषमा स्वराज या
मुख़्तार अहमद नक़वी जैसे बड़े बीजेपी नेता ही क्यों न हो।
इस बार मजेदार बात यह है कि इस वीडियो का सच खुल कर सामने आने और पार्टी की फजीहत होने के बावजूद अमित मालवीय ने अब तक वह ट्वीट डिलीट नहीं किया है।
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