भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने एक रिपोर्ट सोमवार को जारी की है, जिसमें बताया गया है कि आम चुनाव 2024 से पहले बीजेपी को सबसे ज्यादा चंदा मिला। लेकिन चुनावी बांड की खरीदारी आधी रह गई है। जानिये पूरा मामलाः
प्रधानमंत्री मोदी ने औपचारिक रूप से यूएस राष्ट्रपति ट्रम्प को बधाई दी। अब ट्रम्प ने कहा है कि मोदी फरवरी में उनसे मिलने आ सकते हैं। ट्रम्प के शपथग्रहण में मोदी को नहीं बुलाया गया था, इस पर भारत में खूब चर्चा हुई थी। लेकिन अब उनकी मुलाकात होने जा रही है।
भारत चीन के बीच मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने, नई दिल्ली-बीजिंग के बीच फ्लाइट शुरू करने जैसे फ़ैसले से क्या रिश्ते सुधर जाएँगे? एलएसी पर चीन की हरकतें क्या रुक जाएँगी?
बजट में क्या आ रहा है। लोग सीधे और सरल जवाब चाहते हैं। क्या इसमें गरीबों, मध्य वर्ग, नौकरीपेशा, बेरोजगारों, किसानों, गिग श्रमिकों के लिए कुछ होगा। सरकार की प्राथमिकताएं क्या हैं। कोई नहीं जानता। हम सिर्फ उम्मीद कर सकते हैं। जिसमें मध्य वर्ग की उम्मीदें तो कुछ ज्यादा ही हैं।
भारत के ग्रामीण अंचल में होने वाली घटनाओं की चर्चा शहर तक नहीं आ पाती है। वरिष्ठ पत्रकार एन.के. सिंह ने महज़ दो घटनाओं को एक नमूने के रूप में पेश करते हुए कई महत्वपूर्ण बातें कहीं हैं। पढ़ियेः
भारतीय कुश्ती महासंघ का दफ्तर अपनी पुरानी जगह लौट आया है। हालांकि दफ्तर का यह आधिकारिक पता नहीं है। पुराना दफ्तर बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के घर 21, अशोक रोड पर था। लेकिन इंडियन एक्सप्रेस की पड़ताल बताती है कि उसे अब भी पुरानी जगह यानी बीजेपी नेता के घर से चलाया जा रहा है।
इंजीनियरिंग प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराने वाले संस्थान फिटजी के बहुत सारे सेंटरों पर ताले लटक गये हैं। स्टूडेंट्स से मोटी फीस वसूलने वाले इस संस्थान के खिलाफ कई शहरों में प्रदर्शन हुए हैं, पुलिस में छात्रों के माता-पिता ने एफआईआर दर्ज कराई है। इसकी वजह यह बताई गई है कि फिटजी के टीचरों को वेतन नहीं मिला तो उन्होंने फिटजी को छोड़ दिया। देश में फिटजी जैसे शिक्षण संस्थान कुकुरमुत्तों की तरह उग आये हैं लेकिन सरकार कोई रेगुलेशन बनाने को तैयार नहीं। इसका नतीजा स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ रहा है। उनके पैसे डूब जाते हैं।
वक्फ बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के चेयरमैन ने शुक्रवार को कमेटी के 10 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया। सभी निलंबित सांसद विपक्षी दलों से हैं। वक्फ जेपीसी लंबे समय से विवाद में है। उस पर एजेंडा बदलने, विषय से भटकने का आरोप लग रहा है। लेकिन शुक्रवार को जो हुआ, उसे आसानी से समझा जा सकता है कि किनके इशारे पर यह खेल किया जा रहा है। जानिये क्या है पूरा मुद्दाः
सभी धार्मिक स्थलों के लाउडस्पीकरों से बढ़ते शोर पर अदालत ने सख्त निर्देश जारी किया है। धार्मिक स्थलों खासकर मस्जिद-मंदिर में लगे लाउडस्पीकरों से निकलने वाले शोर विवाद का विषय रहे हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट में सिर्फ मस्जिदों के लाउडस्पीकरों से होने वाले शोर को लेकर याचिका दायर की गई थी लेकिन अदालत ने अपने आदेश में किसी धर्म या समुदाय विशेष का नाम लेकर इसे सभी धार्मिक संस्थाओं के लिए लागू करने को कहा। अदालत ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश देने से भी मना कर दिया।
जाति मुक्त भारत एक बड़ी चुनौती है। लेकिन जब कोई पार्टी और सरकार विपक्ष मुक्त भारत में लगी हो तो उसकी प्राथमिकताएं भी कुछ और हो जाती हैं। देश में दलितों पर बढ़ता अत्याचार उनकी इसी प्राथमिकता की ओर इशारा कर रहा है। प्रसिद्ध पत्रकार और लेखक रामशरण जोशी की टिप्पणीः
हरियाणा बीजेपी प्रमुख के ख़िलाफ़ गैंगरेप का आरोप लगाने वाली दिल्ली की लड़की को आख़िर किससे ख़तरा है? जानिए, उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर क्या कहा।