पैगंबर मोहम्मद साहब पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में पुलिस नूपुर शर्मा को गिरफ़्तार क्यों नहीं कर पाई, जबकि दूसरे मामलों में जल्दबाजी की गई? सुप्रीम कोर्ट के इस सवाल का जवाब क्या पुलिस के पास है?
नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद साहब पर की गई टिप्पणियों को लेकर शीर्ष अदालत ने सख़्त टिप्पणियां करते हुए और फटकार लगाते हुए क्या कुछ कहा, इस खबर में पढ़िए।
दिल्ली पुलिस की चार सदस्यीय टीम पत्रकार और ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर को लेकर उनके बेंगलुरु स्थित आवास पहुंच गई है। वहां उसे लैपटॉप समेत कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद करने हैं। इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट 1 जुलाई को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा।
भारत के सबसे रईस लोगों में से एक मुकेश अंबानी क्या अब रिटायर होने वाले हैं? क्या वह धीरे-धीरे कंपनियों की बड़ी ज़िम्मेदारियाँ बच्चों को सौंप रहे हैं? जानिए उनकी क्या है योजना।
एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ और पत्रकार मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर यूएन से जुड़ी एजेंसियों ने तीखी टिप्पणियां की हैं। उस पर भारत के विेदेश मंत्रालय ने बुधवार को जवाब दिया। इस जवाब के बावजूद विदेशों में दोनों की गिरफ्तारी पर विरोध रुक नहीं पा रहा है।
दिल्ली की कोर्ट ने पत्रकार मोहम्मद जुबैर का 4 दिनों का पुलिस रिमांड मंजूर किया है। दिल्ली पुलिस ने 7 दिनों का रिमांड मांगा था। लेकिन इस दौरान जुबैर के वकील की दलीलें सुनने लायक हैं। कोर्ट ने भी सुना लेकिन उसने जमानत नहीं दी।
ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ्तारी से पूरे देश में आक्रोश है और इसको लेकर प्रेस निकायों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। जानिए, एडिटर्स गिल्ड के बाद प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया ने क्या कहा है।
ऑल्ट न्यूज के संस्थापक और पत्रकार मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने सोमवार शाम को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली पुलिस ने उन पर कथित धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया है। मोहम्मद जुबैर लंबे समय से सत्ताधीशों को चुभ रहे थे। नूपुर शर्मा का मामला उठाने के बाद उन पर पुलिस की नजर थी।
बिहार में अग्निपथ योजना का विरोध फिर शुरू हो गया है। विपक्षी दलों ने सोमवार को विधानसभा के अंदर-बाहर प्रदर्शन किया। युवक भी विधानसभा घेरने की तैयारी कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के बाग़ी नेताओं को बड़ी राहत दी है। जानिए, इसने बागियों को अब अयोग्यता नोटिस पर जवाब देने के लिए कब तक का समय दिया और डिप्टी स्पीकर को नोटिस क्यों दिया।
आरएसएस गुजरात में पहली क्लास से संस्कृत भाषा को अनिवार्य बनाने की कोशिश कर रहा है। हरियाणा में उसकी ऐसी कोशिश कामयाब है, हालांकि ये अलग बात है कि तमाम छात्र-छात्राओं और उनके माता-पिता की पहली पसंद संस्कृत आज भी नहीं है।