भाजपा-आरएसएस-मोदी जो कुछ कर रहे हैं, वो बातें तो अपनी जगह हैं लेकिन इनकी बातों से समाज जिस तार्किक जड़ता का शिकार हो रहा है, उसकी चिन्ता हम सब को करना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह बता रहे हैं कि देश में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे वास्तविक मुद्दों पर बात नहीं हो रही है। बल्कि फिजूल के मुद्दों को सड़क से संसद तक और सैलून से सुप्रीम कोर्ट तक ले जाया जा रहा है। भारतीय जनमानस को सामूहिक जड़ता का शिकार बना दिया गया है।