गेहूं, चावल, प्याज का निर्यात करने वाले कारोबारी सरकार की निर्यात शुल्क नीति से बहुत नाराज हैं। कारोबारी कह रहे हैं कि निर्यात शुल्क लागू करने से पहले सरकार गेहूं, चावल, प्याज का वो न्यूनतम मूल्य तय करे, जिस पर निर्यात शुल्क लगाया जाता है। सरकार के ऐसा न करने का फायदा पोर्ट वालों और उसके स्टेकहोल्डर्स को होगा। कारोबारी किस तरफ इशारा कर रहे हैं, इसे समझा जा सकता है। क्योंकि गेहूं, चावल, प्याज का निर्यात पोर्ट के जरिए होता है और देश में तमाम पोर्ट अब निजी क्षेत्र के पास हैं।