संसद के विशेष सत्र मामले में केंद्र सरकार और विपक्ष की तकरार बढ़ती जा रही है। संसद के विशेष सत्र को लेकर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र का जवाब बुधवार शाम को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दिया है।
एक देश एक चुनाव को लेकर बनाई गई समिति की पहली बैठक आयोजित होने से पूर्व बुधवार को नई दिल्ली में समिति के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गृहमंत्री अमित शाह और कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने मुलाकात की है।
सुप्रीम कोर्ट में करीब 20 याचिकाकर्ताओं ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने के खिलाफ याचिका दायर की थी। इन याचिकाओं में मांग की गई थी कि जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 फिर से बहाल किया जाए और उसका पूर्ण राज्य का दर्जा भी लौटाया जाए।
विपक्ष द्वारा मोदी सरकार पर संघवाद को नुकसान पहुंचाने और सत्ता का केंद्रीकरण करने का आरोप लगाए जाने के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 के हवाले से इन आरोपों को खारिज किया है। जानिए उन्होंने क्या तर्क दिया।
मोदी सरकार द्वारा बुलाए गए संसद के विशेष सत्र में आख़िर किन मुद्दों पर बहस होगी? यदि मुद्दे तय नहीं हैं तो क्या आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बहस होगी? जानिए सोनिया गांधी ने क्या लिखा।
मणिपुर के पांच जिलों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया। वहां के एक संगठन ने घाटी को बंद करने का आह्वान किया है। केंद्र और मणिपुर सरकार लगातार दावे कर रही है कि वहां हालात सामान्य हैं। कांग्रेस ने बुधवार को सरकार से पूछा कि कहां हैं हालात सामान्य, फिर कर्फ्यू क्यों।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार देर रात यूरोप के लिए रवाना हो गए। राहुल 7 सितंबर को ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के वकीलों के समूह से मिलेंगे और हेग में भी इसी तरह की बैठक करेंगे।
भारत सरकार ने मंगलवार को मणिपुर की मौजूदा स्थिति के बारे में संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेषज्ञों की एक टीम की चिंताओं को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही भारत ने कहा है कि उनकी टिप्पणियां अनुचित, अनुमानपूर्ण और भ्रामक है।
देश के नाम इंडिया हटाने और सिर्फ़ भारत रहने देने के विवाद के बीच अमिताभ बच्चन और वीरेंद्र सहवाग आख़िर चर्चा में क्यों आए? जानिए उन्होंने क्या टिप्पणी की।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार संसद के विशेष सत्र में एक प्रस्ताव ला सकती है जिसमें देश का नाम अंग्रेजी में भी इंडिया से बदलकर भारत कर दिया जाएगा। इसको लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है।
पारंपरिक तौर पर इस्तेमाल होते रहे 'President of India' की जगह अब 'President of Bharat' का इस्तेमाल किया गया है। जानिए, भारत नाम पर इतना ज़ोर क्यों और कैसे यह नाम पड़ा।
देश को मंगलवार को यह खबर मिली की इंडिया की जगह अब राष्ट्रपति खुद को भारत का राष्ट्रपति लिखेंगी। इसी तरह जी20 से जुड़ा निमंत्रण भी भेजा गया है। लेकिन विदेश में लोग इंडिया ही जानते हैं। विपक्ष का कहना है कि विपक्षी गठबंधन इंडिया के नाम से बौखलाकर यह कदम उठाया गया है।