राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस को चुनाव जीतने की सभी अनुकूल परिस्थितियां थी। चुनाव की घोषणा से पहले लग रहा था कि कांग्रेस राज्य में काफी मजबूत है लेकिन कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की गलतियों के कारण यहां कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा है।
जिस तेजी से विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन ने आकार लिया था किया उसी तेजी से इसमें अब दिक्कतें आने लगी हैं? आख़िर एक के बाद एक नेता इंडिया की बैठक से किनारे क्यों हो रहे हैं?
व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका के एक शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित कोशिश से संबंधित आरोपों सहित विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत करने के लिए भारत भेजा गया है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो या एनसीआरबी ने अपनी 2022 की रिपोर्ट रविवार 3 दिसंबर को सार्वजनिक की है। इसमें बताया गया है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़ी एफआईआर की दर में दिल्ली शीर्ष पर है।
इस बैठक में लोकसभा चुनाव, शीतकालीन सत्र में सदन में पार्टी की रणनीति, सदन में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें सहमति बनी की पार्टी तीन राज्यों में हुई अपनी हार की समीक्षा और विश्लेषण करेगी।
4 दिसंबर से शुरु हुआ संसद का शीतकालीन सत्र 22 दिसंबर तक चलेगा। इस तरह से संसद का शीतकालीन सत्र 19 दिन तक चलेगा। इस दौरान सरकार करीब 20 विधेयकों पर चर्चा कर सकती है। सरकार की कोशिश होगी कि इनमें अधिक से अधिक विधेयक पास करवाए जाए।
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार को हंगामे से हुई। विपक्षी दलों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में बैठक कर अपनी रणनीति बनाई। कई विपक्षी सांसदों ने नोटिस देकर अलग-अलग मुद्दों पर नोटिस देकर चर्चा की मांग की है।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की शानदार जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार की शाम दिल्ली के भाजपा मुख्यालय में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया है।
राजस्थान में भाजपा को बड़ी जीत मिली है। यह जीत कितनी बड़ी है कि इसे इस बात से समझा जा सकता है कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के 25 मंत्री में से 17 मंत्री चुनाव हार चुके हैं।
तीन राज्यों एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि विचारधारा की लड़ाई जारी रहेगी। इस हार को हम विनम्रता से स्वीकार करते हैं।
मध्य प्रदेश में भाजपा की शानदार बढ़त के बाद कहा जा रहा है कि मोदी की गारंटी पर राज्य की जनता ने भरोसा जताया है। साथ ही इस जीत के पीछे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की योजनाओं को भी श्रेय दिया जा रहा है।