पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को बृहस्पतिवार को सीबीआई अदालत में पेश किया जाएगा। उन्हें बुधवार की रात आईएनएक्स मामले में गिरफ़्तार कर सीबीआई मुख्यालय ले जाया गया। सीबीआई के चोटी के तमाम अफ़सर वहाँ पहले से ही पहुँचे गए थे। पी चिदंबरम के साथ वकीलों की एक टीम थी।
सीबीआई मुख्यालय में उन्हें गिरफ़्तारी से जुड़े काग़ज़ात दिए गए हैं। उनकी गिरफ़्तारी की कागजी प्रक्रिया पूरी कर दी गई है। इसके बाद चिदंबरम को स्वास्थय की जाँच के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया।
सीबीआई बृहस्पतिवार को ही उन्हें अदालत में पेश करेगी, क्योंकि नियम के मुताबिक 24 घंटे के अंदर ही गिरफ़्तार व्यक्ति को अदालत में पेश करना होता है। हालाँकि अदालत ने कहा था कि वह चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को कर सकती है, पर गिरफ़्तारी के बाद उन्हें उसके पहले ही पेश कर देना होगा।
समझा जाता है कि सीबीआई चाहती है कि अदालत पूर्व वित्त मंत्री को पुलिस हिरासत में भेजे। यह ज़्यादा कठिन होता है।
क्या है मामला?
सीबीआई और ईडी का कहना है कि आईएनएक्स मीडिया ने 13 मार्च, 2007 को फ़ॉरन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफ़आईपीबी) के पास अर्जी दी थी कि उसे मॉरीशस की एक कंपनी से 4.60 करोड़ रुपये के निवेश की अनुमति दी जाए, साथ ही कंपनी में 'डाउनस्ट्रीम इनवेस्टमेंट' यानी कंपनी खुलने के बाद उसके कामकाज से जुड़े अतिरिक्त निवेश की छूट दी जाए। एफ़आईपीबी ने कंपनी में निवेश की अनुमति दे दी, लेकिन उससे जुड़ी दूसरी कंपनी आईएनएक्स न्यूज़ में निवेश की अनुमति नहीं दी।
ईडी का आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया ने नियम क़ानूनों का उल्लंघन करते हुए 4.6 करोड़ रुपये के बदले 305 करोड़ रुपए का निवेश ले लिया और उसका 26 प्रतिशत आईएनएक्स न्यूज़ में कर दिया। ईडी का यह भी कहना है कि एफ़आईपीबी ने 26 मई 2008 को इस मामले में आईएनएक्स मीडिया से सफ़ाई माँगी, उसके पहले ही आयकर विभाग ने इस मामले की जाँच शुरू कर दी थी।
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