loader

जेल से रिहा हुए चिदंबरम, समर्थकों ने किया जोरदार स्वागत

आईएनएक्स मीडिया केस में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में 100 से ज़्यादा दिन तक तिहाड़ जेल में रहे पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम रिहा हो गए हैं। बुधवार सुबह ही चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी। चिदंबरम को लेने के लिए जेल के बाहर उनके बेटे कार्ति चिदंबरम सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता व उनके समर्थक पहुंचे थे। कार्यकर्ताओं ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता का जोरदार स्वागत किया।चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया केस में दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा उन्हें जमानत देने से इनकार करने के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फ़ैसले को रद्द कर उन्हें जमानत दे दी थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईएनक्स मीडिया मामले में मनी लांड्रिंग के आरोप में चिदंबरम को गिरफ़्तार किया था। 

कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा कि पी. चिदंबरम सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे और गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। इसके अलावा वह मीडिया को इंटरव्यू नहीं देंगे और इस केस को लेकर कोई भी सार्वजनिक बयान नहीं देंगे। कोर्ट ने अपने फ़ैसले में यह भी कहा है कि चिदंबरम को 2 लाख रुपये का निजी मुचलका भरना होगा और वह अदालत की अनुमति के बिना विदेश नहीं जा सकेंगे। 

'एक भी आरोप नहीं

जेल से रिहा होने के बाद चिदंबरम ने यह कह कर पत्रकारों के सवालों का जवाब नहीं दिया कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सम्मान करना है। 

पर उन्होंने इतना ज़रूर कहा कि जेल में 106 दिन रखने के बावजूद सरकार उन पर एक भी आरोप नहीं लगा सकी। 

ताज़ा ख़बरें
बता दें कि सीबीआई जिस आधार पर चिदंबरम को ज़मानत देने का विरोध करती रही थी, उसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पूर्व वित्त मंत्री के न तो भागने की कोई संभावना है और न ही रत्ती भर इस बात का सबूत है कि उन्होंने किसी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश की है। 21 अगस्त को चिदंबरम की गिरफ़्तारी के बाद से ही सीबीआई उनकी ज़मानत का इसे ही आधार बनाकर विरोध करती रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम को जमानत दे दी थी लेकिन हाई कोर्ट ने उनकी ज़मानत याचिका को ख़ारिज़ कर दिया था। 

चिदंबरम के परिवार ने मीडिया को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि पूर्व वित्त मंत्री के बारे में तमाम ख़बरें झूठी, बग़ैर पड़ताल के और बेबुनियाद आरोपों पर आधारित हैं। परिवार की ओर से जारी की गई चिट्ठी में पूर्व वित्त मंत्री को दानव की तरह पेश करने के लिए सरकार को भी ज़िम्मेदार माना गया था और प्रेस की भूमिका पर सवाल खड़े किए गए थे। 

‘एक पैसा भी नहीं लिया’

सीबीआई के द्वारा गिरफ़्तार किये जाने के बाद चिदंबरम ने सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश होकर कहा था कि उन्होंने आईएनएक्स मामले में कोई गड़बड़ी नहीं की है। उन्होंने कहा था कि उन्होंने इस पूरे मामले में एक पैसा नहीं लिया है और उन्हें फँसाया जा रहा है। इसके अलावा उनके पास किसी विदेशी बैंक में कोई खाता नहीं है हालाँकि उनके बेटे का विदेशी बैंक में खाता है। 

इंद्राणी के बयान को बनाया आधार

ख़बरों के मुताबिक़, आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के ख़िलाफ़ जो केस दर्ज हुआ, वह इंद्राणी मुखर्जी के बयान के आधार पर किया गया। इंद्राणी मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी की पत्नी हैं और अपनी बेटी शीना बोरा के मर्डर के मामले में जेल में बंद हैं और पीटर मुखर्जी भी जेल में हैं। इंद्राणी ने 2018 में पीटर मुखर्जी से तलाक़ की अर्जी अदालत में दाख़िल की थी और वह आईएनएक्स मीडिया मामले में सरकारी गवाह बन गई थीं। यहाँ बताना ज़रूरी होगा कि इंद्राणी और पीटर, आईएनएक्स मीडिया के प्रमुख थे। 

आरोप है कि 2007 में जब चिदंबरम वित्त मंत्री थे, उन्होंने  नियमों को ताक पर रखकर आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश की मंज़ूरी दिलायी गयी थी। यह भी आरोप है कि कार्ति चिदंबरम ने अपने पिता पी. चिदंबरम के ज़रिए आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड से यह मंज़ूरी दिलाई थी। हालाँकि चिदंबरम सीबीआई के इन आरोपों को ख़ारिज़ करते रहे हैं और कहते रहे हैं कि इन कंपनियों के विदेशी निवेश के प्रस्तावों को मंज़ूरी देने में कोई भी गड़बड़ी नहीं की गयी है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

इंडिया गठबंधन से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें