पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि नोटबंदी को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हम स्वीकार करते हैं लेकिन यहां इस पर ध्यान दिया जाना जरूरी होगा कि अदालत ने इस फैसले को बहुमत के साथ सही नहीं ठहराया है और ना ही बहुमत ने यह निष्कर्ष निकाला है कि नोटबंदी के लिए जो उद्देश्य बताए गए थे, उन्हें हासिल कर लिया गया। चिदंबरम ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखा था।
चिदंबरम ने लिखा है कि वास्तव में जजों के बहुमत ने इस सवाल से दूरी बना ली है कि नोटबंदी के जरिए जो उद्देश्य बताए गए थे क्या उन्हें हासिल कर लिया गया?
मोदी सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी का ऐलान करते वक्त कहा था कि नोटबंदी से जाली नोट और आतंकवाद के वित्त पोषण पर लगाम लगेगी और काला धन पकड़ा जा सकेगा। इस फैसले के तहत 500 और 1000 के नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किए गए एक के बाद एक ट्वीट में पी. चिदंबरम ने कहा कि इस बात की खुशी है कि इस मामले में आए अल्पमत के फैसले में नोटबंदी में गैर कानूनी प्रक्रियाओं और अनियमितताओं की ओर ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा है कि यह बात सरकार के लिए एक हल्की फटकार या छोटी सजा हो सकती है लेकिन यह स्वागत योग्य है।
बता दें कि बहुमत से अलग फैसला देने वालीं जस्टिस नागरत्ना ने कहा है कि हालांकि नोटबंदी का कदम सोच विचार के बाद उठाया गया लेकिन यह गैर कानूनी है। उन्होंने कहा कि इसने काले धन, आतंक के वित्त पोषण जैसी बुराइयों को निशाना बनाया और उन्होंने इस क़दम को कानूनी आधार पर गैर कानूनी घोषित किया है न कि इसके उद्देश्यों के आधार पर।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद चिदंबरम ने कहा कि असहमति का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में दर्ज प्रसिद्ध असहमतियों में गिना जाएगा।
चिदंबरम ने कहा कि अल्पमत वाला यह फैसला संसद की विधायी शक्ति और सरकार की सीमित शक्तियों के बीच के बड़े अंतर को सामने रखता है। पूर्व वित्त मंत्री ने इस बात पर भी खुशी जताई है कि अल्पमत के इस फैसले ने लोकतंत्र में संसद की अहम भूमिका पर जोर दिया है और ऐसी आशा है कि भविष्य में भी निरंकुश संसद जनता पर अपने विनाशकारी फैसलों को नहीं थोपेगी।
जस्टिस नागरत्ना के फैसले का सम्मान: बीजेपी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नोटबंदी का फैसला टेरर फंडिंग, आतंकवाद का वित्तपोषण, जाली नोटों को रोकने के लिए लिया गया था। उन्होंने कहा कि अदालत ने फैसले लेने की पूरी प्रक्रिया को सही पाया है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस मामले में जस्टिस नागरत्ना के फैसले का भी बीजेपी सम्मान करती है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के फैसले के बाद डिजिटल पेमेंट में जबरदस्त तेजी आई है और अक्टूबर 2022 में भारत में 730 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन हुए।
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