कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम आख़िरकार सबके सामने आए। आते ही सबसे पहले उन्होंने कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। उन्होंने अपने ऊपर लगाए जा रहे आरोपों को सिरे से नकार दिया और कहा कि देश में लोकतंत्र ख़तरे में है। यदि मुझे आज़ादी और ज़िंदगी में से किसी एक को चुनना हो तो मैं आज़ादी ही चुनूँगा। उन्होंने कहा कि हमें यह उम्मीद करनी चाहिए कि शुक्रवार और उसके बाद भी आज़ादी की रोशनी बरक़रार रहेगी।
आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई-ईडी कल से ही चिदंबरम को तलाश कर रही थी। इस मामले में पिछले दो दिनों से हंगामा चल रहा है।
सरकार एजेंसियों से छुपने के सवाल पर चिदंबरम ने कहा, 'मेरे ऊपर आरोप लगाए जा रहे हैं कि मैं क़ानून का सामना करने से बचते हुए भाग रहा हूँ। लेकिन, मैं क़ानून के साथ हूँ और बीते एक दिन से मैं वकीलों के साथ हूँ। रातभर मैं वकीलों के साथ दस्तावेज़ तैयार कर रहा था।' कांग्रेस के नेता चिदंबरम ने कहा कि मैंने हमेशा क़ानून का पालन किया है और आगे भी करता रहूँगा, भले ही मेरे साथ कैसा भी व्यवहार क्यों न हो।
बता दें कि कई चिदंबरम ने कांग्रेस मुख्यालय में दिग्गज नेताओं के साथ बैठकर मीडिया के सामने लिखा हुआ भाषण पढ़ा और फिर बिना किसी सवाल का जवाब दिए ही उठकर चल दिए। मीडिया से बात करने के बाद करीब 15 मिनट में ही पी. चिदंबरम अपने जोर बाग स्थित घर पहुँच गए। वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी उनके साथ हैं।
क्या है मामला?
सीबीआई और ईडी का कहना है कि आईएनएक्स मीडिया ने 13 मार्च, 2007 को फ़ॉरन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफ़आईपीबी) के पास अर्जी दी थी कि उसे मॉरीशस की एक कंपनी से 4.60 करोड़ रुपये के निवेश की अनुमति दी जाए, साथ ही कंपनी में 'डाउनस्ट्रीम इनवेस्टमेंट' यानी कंपनी खुलने के बाद उसके कामकाज से जुड़े अतिरिक्त निवेश की छूट दी जाए। एफ़आईपीबी ने कंपनी में निवेश की अनुमति दे दी, लेकिन उससे जुड़ी दूसरी कंपनी आईएनएक्स न्यूज़ में निवेश की अनुमति नहीं दी।
ईडी का आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया ने नियम क़ानूनों का उल्लंघन करते हुए 4.6 करोड़ रुपये के बदले 305 करोड़ रुपए का निवेश ले लिया और उसका 26 प्रतिशत आईएनएक्स न्यूज़ में कर दिया। ईडी का यह भी कहना है कि एफ़आईपीबी ने 26 मई 2008 को इस मामले में आईएनएक्स मीडिया से सफ़ाई माँगी, उसके पहले ही आयकर विभाग ने इस मामले की जाँच शुरू कर दी थी।
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