Oxygen plants in every district to ensure adequate oxygen availability...
— Narendra Modi (@narendramodi) April 25, 2021
An important decision that will boost oxygen availability to hospitals and help people across the nation. https://t.co/GnbtjyZzWT
ट्वीट में कहा गया है, 'इस महत्वपूर्ण कदम से अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ेगी और देशभर के लोगों को मदद मिलेगी।'
प्रधाममंत्री ने यह भी कहा है कि इन संयंत्रों को जल्द से जल्द शुरू किया जाएगा। ये संयंत्र स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत विभिन्न राज्यों-केंद्र शासित क्षेत्रों के ज़िला मुख्यालयों के चुनिंदा सरकारी अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे।
सरकार की ओर से रविवार को जारी एक बयान में कहा गया है, ‘जिला मुख्यालयों के सरकारी अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को और मजबूत करना है। यह सुनिश्चित भी करना है कि इनमें से प्रत्येक अस्पताल में कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन की सुविधा बनी रहे।''
बयान में कहा गया है कि इससे अपने स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन सुविधा से इन अस्पतालों और जिले की दिन-प्रतिदिन की मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरतें पूरी हो सकेंगी।
क्या कहना है सरकार का?
सरकारी बयान में कहा गया है, ‘‘इसके अलावा, तरल चिकित्सा ऑक्सीजन कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन के 'टॉप अप' के रूप में काम करेगा। इस तरह की प्रणाली यह सुनिश्चित कर सकेगी कि ज़िले के सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में अचानक व्यवधान न उत्पन्न हो सके और कोरोना मरीजों व अन्य जरूरतमंद मरीजों के लिए निर्बाध रूप से पर्याप्त ऑक्सीजन मिल सके।''
जर्मनी से ऑक्सीजन संयंत्र
सरकार का यह बयान ऐसे समय आया है जब इसके पहले ही सरकार ने ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए सरकार ने जर्मनी से 23 मोबाइल ऑक्सीजन संयंत्र हवाई जहाज़ से लाने का फ़ैसला किया है। इन संयंत्रों को आसानी से कहीं भी लगाया जा सकता है, जिनसे प्रति घंटा 2400 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकता है।
आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विसेज एएफ़एमएस अपने परिवहन हवाई जहाज़ यानी ट्रांसपोर्ट प्लेन भेज कर ये मोबाइल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट ले आएगी। ये मोबाइल संयंत्र होंगे यानी इन्हें एक जगह से दूसरी जगह ले जाकर आसानी से लगाया जा सकता है।
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