विशेषज्ञों की मदद से होगा सीटों का बंटवारा
उन्होंने कहा है कि मैं समझता हूं कि भविष्य में सबसे महत्वपूर्ण कदम यह होगा कि इस विषय में एक छोटी समिति बनाई जाए। जिसके सदस्यों का सिर्फ एक ही मकसद होगा कि पूरी तरह से सिर्फ विशेषज्ञों की राय और मदद लेकर पूरे देश में लोकसभा की 545 सीटों पर विपक्ष का एक व्यक्ति एक संसदीय क्षेत्र की योजना को लागू करने की कोशिश की जाए।गठबंधन में कॉम्प्रोमाइज करना ही होता है
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीटों को साझा करने की जहां तक बात है तो गठबंधन में कॉम्प्रोमाइज करना ही होता है। गठबंधन में समझौता करना जरूरी होता है। चुनावों को लेकर हुए गठबंधन में एडजस्टमेंट विशेषज्ञों की राय पर होना चाहिए। यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि कौन व्यक्ति किस संसदीय क्षेत्र के लिए सबसे उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से चुनाव के बाद जो भी नंबर आएंगे, इंडिया के एक अलग-अलग हिस्सों और वर्गों से उसके आधार पर प्रधानमंत्री का फैसला होगा।अब मुंबई में होगी ‘इंडिया’ की अगली बैठक
प्राप्त जानकारी के मुताबिक विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की तीसरी बैठक आगामी 31 अगस्त और एक सितंबर को मुंबई में होगी। इस बैठक का आयोजन शिवसेना (उद्धव गुट) और एनसीपी ( शरद पवार गुट) संयुक्त रूप से करेंगे। मुंबई में आयोजित हो रही यह बैठक पहली बार किसी ऐसे राज्य में हो रही है जहां ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगियों की सरकार नहीं है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह बैठक पहले 25-26 अगस्त को होने वाली थी। इसे इसलिए स्थगित करना पड़ा था क्योंकि इन तिथियों को लेकर कई नेताओं ने अपनी व्यस्ताएं जाहिर की थी।मुंबई में ही तय होगी 11 सदस्यीय समन्वय समिति
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आगामी बैठक का बड़ा एजेंडा 11 सदस्यीय समन्वय समिति तय करना है। हालांकि ‘इंडिया’ गठबंधन में अब 26 पार्टियां हैं, लेकिन यह निर्णय लिया गया है कि एक -एक प्रतिनिधि 11 पार्टियों से लिया जाएगा।इन 11 पार्टियों में कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, आप, जेडी (यू), राजद, शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (शरद पवार गुट ) , जेएमएम, समाजवादी पार्टी और सीपीआई (एम) शामिल हैं। सिर्फ 11 ही पार्टियों को इस समिति में शामिल करने का मकसद ताकि निर्णय लेने में पैनल बोझिल न बन जाए। इसे छोटा रखने से तेजी से निर्णय लिया जा सकेगा। विपक्षी गठबंधन से एक सीट पर एक उम्मीदवार को तय करने में इस समिति का अहम रोल होगा।
18 जुलाई को हुई थी ‘इंडिया’ गठबंधन की घोषणा
मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट हो चुके विपक्षी दलों ने अपनी पिछली बैठक 18 जुलाई को बेंगलुरु में की थी। इसका आयोजन कांग्रेस पार्टी की ओर से किया गया था। उस बैठक में 26 विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया था। इसमें ही पहली बार संयुक्त विपक्ष का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस या ‘इंडिया’ रखा गया था।इस नाम को विपक्ष की बड़ी रणनीतिक जीत को तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने पिछली बैठक में कहा था कि यह ‘इंडिया' 2024 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पराजित करेगा।
बेंगलुरु की उस बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव कई विपक्षी नेता शामिल हुए थे।
पटना में 23 जून को हुई थी विपक्ष की पहली बैठक
विपक्षी दलों की पहली बैठक 23 जून 2023 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर पटना में आयोजित की गई थी। इस बैठक का आयोजन जनता दल (यूनाइटेड) द्वारा किया गया था। माना जाता है कि मोदी सरकार या भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की पहली बड़ी कोशिश बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी।
नीतीश कुमार ने विभिन्न राज्यों का दौरा कर केविपक्षी दलों के नेताओं को एक मंच पर आने के लिए तैयार किया था। नीतीश ने कहा था कि भाजपा का मुकाबला करने के लिए विपक्ष का एकजुट होना जरूरी है। पटना की बैठक इसलिए भी ऐतिहासिक थी कि इसमें कई ऐसे विपक्षी दलों ने भी हिस्सा लिया था जिनकी आपस में ही नहीं बनती है।
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