मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. ने मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया। कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने चर्चा की शुरुआत की और उन्होंने ही विपक्षी गठबंधन की ओर से प्रस्ताव पेश किया। पहले रिपोर्टों में कहा गया था कि चर्चा की शुरुआत राहुल गांधी करेंगे। इस बीच जब चर्चा की शुरुआत गौरव गोगोई ने की तो संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आपत्ति जताई और कहा कि हम तो राहुल गांधी का भाषण सुनने बैठे हैं, वो कहाँ हैं। हालाँकि संसद में राहुल गांधी भी मौजूद थे। दिनभर चर्चा के बाद लोकसभा बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। जानिए, लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर किसने क्या कहा...
- केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कांग्रेस पर बोला हमला। उन्होंने कहा कि इस अविश्वास प्रस्ताव को गिराने के बाद हम नए संसद भवन में शिफ्ट हो जाएंगे। इस पुराने संसद में शायद ये आखिरी अविश्वास प्रस्ताव को गिराने का हम साक्षी बन रहे हैं।
- रिजिजू ने कहा, 'कोई भी अविश्वास प्रस्ताव को लाने का कारण होता है। जब देश में कुछ ऐसे राजनीतिक हालत बन जाते हैं, जहां लगता है कि सरकार की संख्या कम हो जाती है, या सरकार के पास ताकत नहीं होती है देश को संचालित करने के लिए तब अविश्वास का प्रस्ताव लाया जाता है।'
- विपक्षी खेमे की ओर से एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, 'सत्ता में आने से पहले, वे (बीजेपी) कहते थे कि वे 'डिफरेंस वाली पार्टी' हैं। आप डिफरेंस वाली पार्टी कैसे हैं?'
- सुले ने आगे कहा, '9 साल में 9 सरकारें गिरवाई हैं आपने... आप आय दोगुनी करने की बात करते हैं, किसकी आय दोगुनी हो गई है? यह सरकार किसान विरोधी है, इसलिए हमें इस सरकार पर कोई भरोसा नहीं है।'
- विपक्षी 'इंडिया' की ओर से टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने आरोप लगाया, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसदीय लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं।"
- भाजपा सांसद किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी ने बयान पर तत्काल आपत्ति जताई और रॉय को याद दिलाया कि वह प्रधानमंत्री के खिलाफ व्यक्तिगत आरोप नहीं लगा सकते।
- बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, 'ये लोग आईआईटी, आईआईएम के बारे में बात करते हैं...उन्होंने इसे भारत (विपक्षी गुट) बना दिया है... उनके बीच से किसी भी सांसद को चुनें और उनसे पूछें कि इसका क्या मतलब है, इसका फुल फॉर्म बहुत कम लोग बता पाएंगे।'
- दुबे ने कहा, 'पीएम कहते हैं कि यह अविश्वास मत नहीं है, यह विपक्ष का विश्वास मत है। वे देखना चाहते हैं कि उनका समर्थन कौन करता है'।
- कांग्रेस के गौरव गोगोई का संबोधन पूरा होने के बाद स्पीकर ने बीजेपी के निशिकांत दुबे को बोलने के लिए आमंत्रित किया। इस बीच अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान हंगामा हुआ।
- लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने भाषण को लाइव कम दिखाने का आरोप लगाया। इसपर स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि मेरे पास टीवी का माइक नहीं रहता है।
- गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर पर चुप हैं क्योंकि उन्हें स्वीकार करना होगा कि राज्य में उनकी डबल इंजन सरकार विफल हो गई है।
- गोगोई ने कहा, 'हम जानना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बाली में क्या चर्चा की थी।'
- गौरव गोगोई ने कहा, 'आप इंडियन मुजाहिदीन के बारे में बात करते हैं, हम इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के बारे में बात करेंगे।'
- गोगोई ने कहा, 'मार्टिन लूथर किंग ने कहा है कि अगर कहीं भी नाइंसाफी हो तो वह हर जगह के लिए इंसाफ का खतरा बन सकता है। यदि मणिपुर जल रहा है, तो भारत जल रहा है। मणिपुर विभाजित हुआ है, तो भारत विभाजित हुआ है। हम सिर्फ मणिपुर की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि पूरे भारत की बात कर रहे हैं।'
- कांग्रेस की ओर से प्रस्ताव पेश करते हुए गोगोई ने कहा, 'हमारी मांग बस इतनी थी कि पीएम इस पर बोलें। लेकिन पीएम ने मौन व्रत लिया कि सदन में कुछ नहीं बोलेंगे। इसीलिए अविश्वास प्रस्ताव की नौबत आई है। इसके ज़रिए हम पीएम मोदी का मौन व्रत तोड़ना चाहते हैं।'
- गौरव गोगोई ने कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव हमारी मजबूरी है। यह संख्या दिखाने के लिए नहीं है, बल्कि मणिपुर के इंसाफ के लिए है।
- कांग्रेस नेता ने कहा, 'यह अविश्वास प्रस्ताव मणिपुर के लिए हम लाए हैं। मणिपुर आज इंसाफ मांगता है। मणिपुर के बेटी, किसान, छात्र इंसाफ मांगते हैं।'
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तीन सवाल पूछे:
- प्रधानमंत्री मोदी अब तक मणिपुर क्यों नहीं गए? राहुल गांधी गए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गए, अन्य भी गए, वह क्यों नहीं?
- इस मुद्दे पर बोलने में उन्हें लगभग 80 दिन क्यों लग गए, और वह भी केवल 30 सेकंड के लिए? इसके बावजूद, उन्होंने आज तक शोक का एक शब्द भी नहीं कहा है या शांति और सद्भाव का आह्वान नहीं किया है... उनके मंत्री कह रहे हैं, "हम बोलेंगे"। आप बोल सकते हैं, आपको कोई नहीं रोक रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी की बातों के असर की तुलना एक मंत्री से नहीं की जा सकती।
- मोदी ने मणिपुर के सीएम को बर्खास्त क्यों नहीं किया? जब चुनाव करीब आ रहे थे, तो उन्होंने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए गुजरात, उत्तराखंड, त्रिपुरा में कई बार मुख्यमंत्री बदले। अब क्यों नहीं?
जब सत्ता पक्ष ने राहुल गांधी के भाषण की मांग की
गौरव गोगोई द्वारा चर्चा शुरू किए जाने पर लोकसभा में अजीब स्थिति बन गई। खुद सत्ता पक्ष की ओर से ही राहुल गांधी के भाषण की मांग कर दी गई। अविश्वास प्रस्ताव गौरव गोगोई की तरफ से पेश किए जाने पर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि बात यह थी कि पहले राहुल गांधी को बोलना है, लेकिन अब चिट्ठी के मुताबिक राहुल चर्चा की शुरुआत नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम राहुल गांधी का भाषण सुनना चाहते हैं। इस पर हंगामा शुरू हो गया। इस पर गौरव गोगोई ने कहा कि 'हम लोग तो स्पीकर चैंबर में होने वाली बात नहीं बताते...।' इसपर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।
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