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प्रतीकात्मक और फाइल फोटो

डिनर में खरगे को नहीं बुलाने पर कांग्रेस नेता ने कहा, "मोदी है तो मनु है" 

9 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित जी-20 डिनर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को नहीं बुलाया गया है। उन्हें इसमें नहीं बुलाने पर तमिलनाडु कांग्रेस के एक नेता मोहन कुमारमंगलम ने केंद्र सरकार की आलोचना की है। 
कुमारमंगलम ने कहा है कि "मोदी है तो मनु है"। उन्होंने कहा है कि खरगे को इसलिए नहीं बुलाया गया , क्योंकि वे दलित हैं। उनके इस बयान के साथ ही कांग्रेस पार्टी ने सरकार के इस कदम को दलित विरोधी बताया है। माना जा रहा आने वाले दिनों में कांग्रेस इस घटना को दलितों के अपमान से जोड़ कर उठाएगी। 

मोहन कुमारमंगलम कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महर्षि मनु की विरासत को थामे हुए हैं। ऐसे कई आयोजनों में निचली जाति के नेताओं को नहीं बुलाया गया है। 

उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के भूमिपूजन में आमंत्रित नहीं किया गया था। वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी नई संसद के उद्घाटन समारोह में नहीं बुलाया गया था। 
इंडिया टुडे वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक तमिलनाडु कांग्रेस के मोहन कुमारमंगलम ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी प्राचीन हिंदू ऋषि महर्षि मनु की विरासत को कायम रख रहे हैं। जिन्होंने मनुस्मृति लिखी थी, जिसे अक्सर 'हिंदू आचरण के लिए मार्गदर्शक' के रूप में वर्णित किया जाता है। जाति-आधारित भेदभाव को बढ़ावा देने के लिए कई विद्वानों द्वारा इसकी आलोचना की गई है। 
कांग्रेस नेता कुमारमंगलम ने कई उदाहरणों का हवाला दिया जहां पिछड़े वर्ग के नेताओं को महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में आमंत्रित नहीं किया गया। 
खड़गे के कार्यालय ने कहा है कि उन्हें शनिवार को राष्ट्रपति द्वारा आयोजित जी - 20 रात्रिभोज में आमंत्रित नहीं किया गया है। हालांकि, खबरों के मुताबिक किसी अन्य राजनीतिक दल के राजनेता को भी इसमें आमंत्रित नहीं किया गया है। 
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस रात्रिभोज में कैबिनेट सदस्यों, राज्य मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, भारत सरकार के सचिवों और अन्य उल्लेखनीय अतिथियों को रात्रिभोज के लिए निमंत्रण मिला है। 
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राहुल गांधी ने कहा यह सरकार की सोच को दर्शाता है

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को जी-20 रात्रिभोज में नहीं बुलाए जाने पर सरकार की आलोचना की है। यूरोप दौरे पर गए राहुल ने कहा है कि यह सरकार की सोच को दर्शाता है। 

उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि, मल्लिकार्जुन खरगे को इस आयोजन में नहीं बुलाया जाना बताता है कि सरकार विपक्ष के नेता को महत्व नहीं देती है। उन्होंने हमें जी - 20 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया। वे देश की 60 प्रतिशत आबादी के नेतृत्व को महत्व नहीं देते हैं। 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को ब्रसेल्स में यूरोपीय यूनियन के सांसदों से मुलाकात की है। इस वर्ष यह राहुल का तीसरा विदेश दौरा है। इससे पहले वह मार्च में ब्रिटेन और जून में अमेरिका के  दौरे पर गए थे।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी का यह विदेश दौरा ऐसे समय हो रहा है जब नई दिल्ली में जी - 20 देशों का शिखर सम्मेलन हो रहा है। राहुल गांधी इस सम्मेलन के खत्म होने के बाद भारत लौटेंगे। 

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इंडिया गठबंधन ने इस डिनर के निमंत्रण पत्र का किया था विरोध 

जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान 9 सितंबर को राष्ट्रपति के द्वारा रात्रिभोज या डिनर का आयोजन किया जा रहा है। इसमें शामिल होने के लिए जिन लोगों को निमंत्रण पत्र भेजा गया था उसमें प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह, प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा था। 
इस निमंत्रण पत्र पर अंग्रेजी में इंडिया की जगह भारत लिखे जाने का विपक्षी इंडिया गठबंधन ने विरोध किया था। विपक्ष का आरोप था कि सरकार देश का नाम इंडिया को बदलने जा रही है। इस मामले ने तूल पकड़ लिया और विपक्ष ने इस जमकर सरकार पर निशाना साधा था। 

इस डिनर में भले ही विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को नहीं बुलाया गया है लेकिन विपक्ष के उन नेताओं को बुलाया गया है जो मुख्यमंत्री के पद पर हैं। इस डिनर में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, आदि विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों को बुलाया गया है। 

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