कोरोना वायरस के एक बार फिर तेज़ी से फैलने और इसके नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बहुत ही कम समय में 90 से अधिक देशों में पहुँचने की खबरों के बीच बेहद चौंकाने वाली बातें भी सामने आ रही हैं।
दिल्ली में ओमिक्रॉन वैरिएंट के साथ जिन 33 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, उनमें से 33 ने पहले ही कोरोना टीका की दोनों खुराकें ले ली थीं। यह बात ऐसे समय आई है जब ओमिक्रॉन वैरिएंट पर कोरोना टीके के असर को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं और परस्पर विरोधी बातें कही जा रही हैं।
दिल्ली स्थित लोकनायक अस्पताल के मेडिकल डाइरेक्टर डॉक्टर सुरेश कुमार ने इसकी पुष्टि कर दी है कि उनके यहाँ ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित जिन 34 लोगों को दाखिल कराया गया है, उनमें एक को छोड़ सभी का पूर्ण टीकाकरण पहले ही हो चुका था यानी उन लोगों ने कोरोना टीके की दोनों खुराकें ले ली थीं।
उन्होंने 'इंडियन एक्सप्रेस' से कहा,
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इससे यह साफ है कि कोरोना वायरस का नया वैरिएंट उन्हें भी संक्रमित कर सकता है, जिन्होंने टीके की खुराकें ले ली हैं।
डॉक्टर सुरेश कुमार, मेडिकल डाइरेक्टर, लोकनायक अस्पताल
बूस्टर डोज भी बेअसर?
डॉक्टर सुरेश कुमार ने यह भी कहा कि 'इतना नहीं, उनमें से दो अंतरराष्ट्रीय यात्रियों ने तो एमआरएनए की बूस्टर डोज़ भी ले रखी थीं।'
उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों को ओमिक्रॉन संक्रमण है, उन्हें बुखार, गले में खराश और शरीर में दर्द की शिकायतें हैं। लेकिन उनमें से किसी को ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की ज़रूरत नहीं होगी।
जिन 34 लोगों को ओमिक्रॉन के साथ लोकनायक अस्पताल में दाखिल कराया गया, उनमें से 29 भारतीय नागरिक हैं। देश के सबसे ज्यादा ओमिक्रॉन मामले दिल्ली में हैं। यहां कुल 57 लोगों के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
'तीन गुना ज़्यादा संक्रामक'
बता दें कि केंद्र सरकार ने मंगलवार शाम को राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट से तीन गुना ज़्यादा संक्रामक है। इस पर चिंता जताते हुए केंद्र ने राज्यों से कहा है कि इसे नियंत्रित करने के लिए वार रूम को सक्रिय किया ही जाना चाहिए। केंद्र ने यह भी कहा है कि ओमिक्रॉन के अलावा देश के कई हिस्सों में डेल्टा वैरिएंट अभी भी मौजूद है।
केंद्र ने कहा है कि चूँकि ओमिक्रॉन डेल्टा की तुलना में कम से कम 3 गुना ज़्यादा संक्रामक है इसलिए स्थानीय व ज़िला स्तर पर अधिक दूरदर्शिता दिखानी होगी, डेटा विश्लेषण करना होगा, गतिशील निर्णय लेने होंगे और रोकथाम के लिए कड़ी व त्वरित कार्रवाई करने की ज़रूरत है।
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