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ओमिक्रॉन: संभल जाइए, हर दिन आ सकते हैं कोरोना के 13-14 लाख मामले

कोरोना की दूसरी लहर में बद से बदतर दिन देख चुके भारत के लोगों ने क्या इससे कोई सबक सीखा है। कोरोना की दूसरी लहर डेल्टा वैरिएंट के चलते आई थी जबकि ओमिक्रॉन के चलते तीसरी लहर आने का अंदेशा है। 

एक स्टडी के मुताबिक़, ओमिक्रॉन डेल्टा से 70 गुना ज़्यादा तेजी से फैलता है और इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और दुनिया भर के विशेषज्ञ चेता चुके हैं। लेकिन क्या भारत में इसे लेकर लोग गंभीर दिखाई देते हैं। 

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा है कि ब्रिटेन और फ्रांस की तर्ज पर अगर संक्रमण फैला तो भारत में हर दिन 13-14 लाख मामले आ सकते हैं। कुछ ही दिनों में यह वैरिएंट कई राज्यों में फैल चुका है।  

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अव्वल दर्जे की लापरवाही 

भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं का क्या हाल है, यह किसी से छिपा नहीं है। पांच राज्यों के चुनाव को लेकर जमकर चुनावी रैलियां हो रही हैं। इन रैलियों में लाखों लोगों का हुजूम उमड़ रहा है, जिनमें गिने चुने लोगों के चेहरे पर मास्क हैं। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना प्रोटोकॉल के बाक़ी नियमों को भी लोगों ने हवा में उड़ा दिया है। 

बाजारों में जबरदस्त भीड़ है और वहां भी आधे से ज़्यादा लोगों के चेहरे पर मास्क नहीं हैं। 

ऐसे में केंद्र की इस चेतावनी के बाद भी अगर लोग नहीं संभले तो हालात बेहद ख़राब हो सकते हैं और हालात को ख़राब होने से रोकने की जिम्मेदारी सिर्फ़ सरकार की ही नहीं आम लोगों की भी है। 

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डब्ल्यूएचओ की चिंता

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इससे पहले किसी भी वैरिएंट को इस रफ़्तार से फैलते हुए नहीं देखा गया है। डब्ल्यूएचओ इस बात को लेकर चिंतित है कि लोग ओमिक्रॉन को यह कहकर खारिज कर रहे हैं कि इसके लक्षण बेहद हल्के हैं और ऐसा करके हम इसे कम करके आंक रहे हैं। 

डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि इस वैरिएंट पर वैक्सीन का असर कम है और यह तेज़ी से फैलता है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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