यदि देश में कोरोना संक्रमण इसी रफ़्तार से फैलता रहा तो 14 अप्रैल को लॉकडाउन ख़त्म होने के पहले ही कोरोना संक्रमितों की संख्या 17 हज़ार से ज़्यादा हो जाएगी।
भारत में अब तक 4400 से अधिक लोगों में कोरोना संक्रमण के लक्षण पाए गए हैं और 114 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
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संक्रमण की रफ़्तार
स्वास्थ्य मंत्रालय के आँकड़ों का अध्ययन से पता चलता है कि संक्रमण की रफ़्तार पहले तेज थी, बाद में वह कम हुई, लेकिन उसके एक बार फिर रफ़्तार बढ़ गयी है।आँकड़ों पर नज़र डालने से साफ़ होता है कि 15 से 20 मार्च के बीच कोरोना संक्रमितों की संख्या दूनी हुई यानी उसमें 5 दिन लगे थे। पर उसके बाद 20 मार्च से 23 मार्च के बीच ही यह तादाद दुगनी हो गई, यानी इसमें 3 दिन ही लगे।
लॉकडाउन से रफ़्तार हुई धीमी
लेकिन लॉकडाउन होने की वजह से संक्रमण की रफ़्तार में कुछ दिनों कमी आई। स्वास्थ्य मंत्रालय के आँकड़ों से पता चलता है कि 23 से 29 मार्च के बीच संक्रमण दूनी हो गई। यानी, संक्रमण के दूने होने में 6 दिन का समय लगा।सरकार का कहना है कि संक्रमण की रफ़्तार एक बार फिर बढ़ गयी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि संक्रमण दूना होने में अब चार दिन का ही समय लगेगा और 14 अप्रैल तक इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ कर 17 हज़ार हो जाएगी।
सरकार का कहना है कि यदि दिल्ली में तबलीग़ी जमात का धार्मिक सम्मेलन नहीं हुआ होता तो संक्रमण दूने होने में 7.8 दिन का समय लगता।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अफ़सर ने सोमवार को कहा कि जितने लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं, उनमें से लगभग एक तिहाई लोग किसी न किसी रूप में तबलीग़ी जमात के दिल्ली सम्मेलन से जुड़े हुए हैं।
इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च ने कहा है कि पूरे देश में अब तक एक लाख लोगों की कोरना जाँच की जा चुकी है।
दूसरी ओर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि भारत में कुछ जगहों पर स्थानीय इलाक़ों में कम्युनिटी स्प्रेड (सामुदायिक फैलाव) शुरू हो चुका है। गुलेरिया ने न्यूज़ चैनल आज तक से बातचीत में कहा, ‘अगर हम दुनिया के हिसाब से देखें तो हमारी स्थिति बेहतर है। लेकिन चिंता का विषय यह है कि कुछ जगहों पर हॉट स्पॉट बने हैं, इसलिये हमें आक्रामक रहने की ज़रूरत है क्योंकि कुछ जगहों पर कम्युनिटी स्प्रेड हो रहा है, हम उसे न फैलने दें।’
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