नूंह के नल्हड़ मंदिर में विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के नेता अब प्रतीकात्मक जलाभिषेक करेंगे। पीटीआई और एएनआई के मुताबिक VHP प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा है कि "...आज (28 अगस्त), सावन महीने के आखिरी सोमवार पर, साधुओं के आशीर्वाद से हम 'जल अभिषेक' कर रहे हैं।" आज विभिन्न स्थानों पर... हमारे नेता आलोक कुमार नल्हड़ मंदिर नूंह पहुंचने वाले हैं और वह वहां 'जल अभिषेक' करेंगे। हिंदू समुदाय के प्रतिनिधि उनके साथ होंगे... सरकार और जी20 की तैयारियों की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए, हमने यात्रा को प्रतीकात्मक रूप से पूरा करने का निर्णय लिया...।"
हरियाणा सरकार की सख्ती के आगे वीएचपी को झुकना पड़ा और अपनी रणनीति बदलना पड़ी। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को ही कह दिया था कि किसी भी धार्मिक यात्रा की अनुमति नहीं दी गई है। हर हालत में कानून व्यवस्था का पालन किया जाएगा। खट्टर ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जी20 की तैयारियों के मद्देनजर किसी भी तरह का जोखिम नहीं लिया जा सकता। जी20 से जुड़ा एक कार्यक्रम नूंह के पास स्थित तावड़ू में भी होना है। इसलिए हरियाणा सरकार कुछ ज्यादा सतर्कता बरत रही है।
वीएचपी और बजरंग दल ने अभी तक हिन्दू सर्व समाज नामक तथाकथित संगठन को आगे रखा हुआ था। इसी संगठन ने 13 अगस्त को सर्व जातीय हिंदू महापंचायत पलवल के पोंडरी में बुलाई थी। उसी महापंचायत में 28 अगस्त को नूंह में बृज मंडल शोभा यात्रा को फिर से शुरू करने का आह्वान किया गया था। श्रावण महीने का आज (28 अगस्त) आखिरी सोमवार है। हालांकि उस महापंचायत पर पूरा नियंत्रण वीएचपी और बजरंग दल के लोगों का था। अभी रविवार रात तक वीएचपी और बजरंग दल के नेता शोभायात्रा को निकालने पर बयान जारी कर रहे थे। वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल का वीडियो बयान रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल था। जिसमें वो कहते नजर आ रहे हैं कि हमें शोभायात्रा और जलाभिषेक के लिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं है। लेकिन सोमवार सुबह वीएचपी और बजरंग दल के नेताओं के सुर बदल गए। वो ढीले पड़ गए और अब प्रतीकात्मक जलाभिषेक की घोषणा की गई है।
हालांकि वीएचपी और बजरंग दल तभी पीछे हटे, जब रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर का कड़ा बयान सामने आ गया। जिसमें उन्होंने साफ कर दिया कि नूंह में शोभा यात्रा निकालने की अनुमति नहीं है। श्रद्धालु पैदल जाकर अपने आसपास के मंदिरों में जलाभिषेक करें। सीएम के बयान के बाद नूंह प्रशासन ने ऐलान कर दिया कि नूंह में किसी भी बाहरी व्यक्ति को आने की इजाजत नहीं है। उसे फौरन गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसी तरह नल्हड़ मंदिर के आसपास भी बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा दी गई है। वहां पुलिस हर शख्स पर नजर रख रही है।
कड़ी निगरानी रखने के लिए पुलिस की टीमें और अर्धसैनिक बलों की 30 कंपनियां तैनात की गई हैं, जबकि अंतर-राज्य और अंतर-जिला सीमाओं पर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पुलिस ने विभिन्न प्वाइंट्स पर बैरिकेड्स की कई लाइनें लगाई गई हैं और सुरक्षा कर्मियों द्वारा नूंह में प्रवेश करने वाले वाहनों की गहन जांच की जा रही है। पुलिस नूंह में रहने वाले लोगों के पहचान पत्र की भी जांच कर रही है। धारा 144 के कारण बाहरी लोगों को जिले में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
एहतियात के तौर पर, नूंह जिला प्रशासन ने पहले ही सोमवार को स्कूल, कॉलेजों और बैंकों को बंद करने का आदेश दिया है। मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को निलंबित कर दिया है। हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने पहले ही साफ कर दिया था कि प्रशासन ने 3 से 7 सितंबर तक नूंह के पास तावड़ू में होने वाली जी20 शेरपा समूह की बैठक और 31 जुलाई की हिंसा के बाद कानून व्यवस्था बनाए रखने के कारण शोभा यात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
वीएचपी का अड़ियल रवैया
नूंह में शोभायात्रा निकालने के लिए वीएचपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोकर कुमार रविवार तक अड़े हुए थे। उनका बयान था- "हम जानते हैं कि G20 शुरू होने वाला है, इसलिए हम यात्रा को छोटा करेंगे। हम इसे नहीं छोड़ेंगे और सोमवार (28 अगस्त) को इसे पूरा करेंगे। मैं भी इसमें हिस्सा लूंगा। कानून और व्यवस्था के मुद्दे क्यों उठेंगे? सरकार वहां क्यों है?" विहिप अध्यक्ष आलोक कुमार ने एएनआई से कहा था- सरकार कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए है ताकि लोग अपने धार्मिक कार्यक्रमों को शांतिपूर्वक और सुरक्षित रूप से आयोजित कर सकें। बहरहाल, सोमवार को वीएचपी ने पीछे हटने का फैसला किया और इसे प्रतीकात्मक बना दिया। अब उसका जोर इस बात पर है कि दो-चार नेता किसी तरह भारी सुरक्षा में नल्हड़ मंदिर पहुंच जाएं और वहां जलाभिषेक करते हुए का फोटो-वीडियो बनाकर मीडिया को जारी कर दिया जाए। इस तरह की पूरी कोशिश इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक जारी है।
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