पेगासस सॉफ़्टवेअर के ज़रिए जासूसी कराए जाने पर दुनिया भर में तहलका मचा हुआ है। भारत ही नहीं, फ्रांस, मोरक्को, मेक्सिको, इज़रायल, ब्रिटेन व हंगरी समेत कई देशों में इसका व्यापक विरोध हुआ है, कुछ सरकारों ने इसकी जाँच के आदेश दे दिए हैं।
इसके अलावा सॉफ़्टवेअर बनाने वाली कंपनी एनएसओ, ऐप्पल और एमेज़ॉन वेब सर्विसेज जैसी कंपनियों ने भी जाँच शुरू कर दी या पेगासस से नाता तोड़ लिया है।
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फ्रांस
- पेगासस सॉफ़्टवेअर बनाने वाली कंपनी एनएसओ के डेटाबेस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैन्युएल मैक्रों का नाम भी है, यानी जासूसी के निशान पर वे भी थे।
- इस ख़बर के प्रकाशित होने के बाद वहाँ इसका व्यापक विरोध हुआ, विपक्ष ही नहीं सत्तारूढ़ दल ने भी इस पर चिंता जताई।
- राष्ट्रपति मैक्रों ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई। उसमें इस पूरे मामले की विस्तृत जाँच कराने का फ़ैसला सर्वसम्मति से लिया गया।
मोरक्को
- फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों को निशाने पर लेने का आरोप मोरक्को पर लगा।
- फ्रांस के पर्यावरण मंत्री फ्रांस्वा द रगी ने कहा कि उनका भी फ़ोन संक्रमित हुआ है। उन्होंने इसका दोष मोरक्को पर मढ़ा और उससे जवाब देने को कहा।
- मोरक्को ने इससे साफ इनकार करते हुए कहा कि उसने किसी की जासूसी नहीं कराई है और ये आरोप बेबुनियाद हैं।
- बता दें कि मोरक्को पहले फ्रांस का उपनिवेश था और अब दोनों में कटुतापूर्ण रिश्ते हैं।
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- मोरक्को पर यह आरोप भी लगा कि उसने फ्रांसीसी ऑनलाइन कंपनी मीडियापार्ट के पत्रकारों की जासूसी करवाई थी। इसमें मोरक्को मूल के एडवी प्लानेल व लेनैग बोर्डो भी शामिल हैं।
- मोरक्को के पत्रकार उमर रादी को एक दूसरे मामले में अदालत से सज़ा दी गई, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि रादी के फ़ोन में पेगासस लगा था, इस वजह से यह फ़ैसला हुआ। इस पर मोरक्को सरकार ने एमनेस्टी पर यह कहते हुए मुक़दमा दायर कर दिया कि यह उसकी न्यायपालिका का अपमान है।
- मोरक्को सरकार ने पेगासस मामले का भंडाफोड़ करने वाले फोरबिडेन स्टोरीज़ पर भी मुक़दमा किया है।
मेक्सिको
- यह लातिन अमेरिकी देश एनएसओ का पहला ग्राहक है। राष्ट्रपति आंद्रे मैनुएल लोपेज़ ओब्राडर पर आरोप है कि उन्होंने पेगासस सॉफ़्टवेअर से विपक्ष की जासूसी कराई।
- राष्ट्रपति की पत्नी बिएट्रिस गुटीएरेज़ म्यूलर ने आरोप लगाया कि ख़ुद उनकी, उनके तीन बेटों, तीन भाइयों, सहयोगियों और डॉक्टर की जासूसी कराई गई है।
- उन्होंने अटॉर्नी जनरल से माँग की है कि इस पूरे मामले की जाँच की जाए।
- अटॉर्नी जनरल ने कहा कि एनएसओ ने जिस व्यक्ति थॉमस ज़ेरोन के साथ क़रार किया था, वह भाग कर इज़रायल चला गया। उसकी जाँच की जा रही है।
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हंगरी
- हंगरी के बड़े और निष्पक्ष समझे जाने वाले मीडिया घराने ने पेगासस सॉफ़्टवेअर के ज़रिए अपने पत्रकारों की जासूसी कराने का आरोप सरकार पर मढ़ा।
- प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन ने गोलमोल जवाब दिया कि उन्हें ठीक से पता नहीं है, लेकिन उन्होंने आरोपों को सिरे से खारिज नहीं किया।
- वहाँ के नियम के मुताबिक, विधि मंत्री के हस्ताक्षर के साथ सामान्य आदेश ही किसी के सर्विलांस के लिए काफी होता है।
- विपक्ष के हंगामे के बाद सात- सदस्यीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई गई, लेकिन उसमें सत्तारूढ़ दल के चार सदस्य नहीं गए।
- हंगरी यूरोपीय संघ का सदस्य है, संघ ने इस पूरे मामले पर नाराज़गी जताते हुए कहा है कि बुडापेस्ट इस मामले की जाँच कराए।
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इज़रायल
- पेगासस सॉफ़्टवेअर बनाने वाली कंपनी एनएसओ इज़रायल की है, वहाँ की सरकार इस मुद्दे पर शुरू से ही रक्षात्मक मुद्रा में है।
- इज़रायल के रक्षा मंत्री बेनी गांत्ज़ ने कहा जो देश पेगासस सॉफ़्टवेअर खरीदते हैं, उन्हें उसके नियम क़ानून का पालन हर हाल में करना चाहिए।
- इज़रायल सरकार ने सुरक्षा से जुड़ी कई एजेन्सियों को मिला कर एक कमेटी का गठन किया है जो इस पूरे मामले की विस्तृत जाँच कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
- इसके पहले इज़रायली संसद नेसेट ने एक अंतर-मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया जिसे मामले की पूरी जाँच कराने की ज़िम्मेदारी दी गई।
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ब्रिटेन
- ब्रिटिश संसद के ऊपरी सदन की सदस्य लेडी उद्दीन ने संसद में कहा कि उन्हें समेत 400 लोगों को निशाना बनाया गया है। उन्होंने इसकी जाँच कराने को कहा।
- ब्रिटिश मंत्री लॉर्ड ट्रू ने संसद में कहा कि इज़रायल सरकार से बात की जा रही है और इस पूरे मामले की जाँच की जाएगी।
- ब्रिटेन के वकीलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का एक समूह पूरे मामले की छानबीन कर रहा है और वह जल्द ही अदालत जाएगा ताकि एनएसओ को प्रतिबंधित किया जा सके।
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एपल
- मोबाइल फ़ोन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी एपल इस बात से परेशान है कि उसके फ़ोन को संक्रमित किया जा सकता है, इसका मतलब यह हुआ कि उसमें लगे सुरक्षा उपकरण बेकार साबित हो गए।
- एपल ऑपरेटिंग सिस्टम आईओएस 14.6 को पेगासस के मैलवेअर ने प्रभावित कर दिया है। अब कंपनी ऑपरेटिंग सिस्टम के नए वर्ज़न पर काम कर रही है।
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एनएसओ
- पेगासस सॉफ़्टवेअर बनाने वाली कंपनी एनएसओ का कहना है कि जिन लोगों ने यह खरीदा उन पर यह ज़िम्मेदारी है कि इसका दुरुपयोग न हो।
- एनएसओ का कहना है कि लीक डेटाबेस उसका नहीं है, उसके ग्राहकों को हो सकता है, लेकिन उसे ग्राहकों के डेटाबेस पर न नियंत्रण है न ही उसे कोई जानकारी ही है, न ही उसे कोई मतलब है।
- एनएसओ ने कहा है कि एक बार लाइसेंस बिक जाने के बाद उसका कोई क्या करता है, कंपनी को इससे कोई मतलब नहीं।
- लेकिन एनएसओ की एक आंतरिक रिपोर्ट में पहले ही यह आशंका जताई गई थी कि इस सॉफ्टवेअर का दुरुपयोग हो सकता है और पत्रकारों व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को निशाने पर लिया जा सकता है।
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एमेज़ॉन
- एमेज़ॉन वेब सर्विस ने कहा है कि उसने पेगासस सॉफ़्टवेअर बनाने वाली कंपनी से नाता तोड़ लिया है।
- एमेजॉन क्लाउड कंप्यूटिंग के क्षेत्र में है और एनएसओ से उसका पुराना रिश्ता है। एनएसओ ने इस जासूसी के लिए एमेज़ॉन वेब सर्विस के क्लाउड कंप्यूटिंग का इस्तेमाल किया है।
- एमेज़ान अब इससे पल्ला झाड़ रहा है। उसने एक ताजा बयान में कहा है कि मानवाधिकारों के लिए काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट उसे मई 2021 में दी और उसके बाद उसने एनएसओ से संबंध तोड़ लिए हैं।
- एमेज़ॉन वेब सर्विस के प्रवक्ता ने कहा है, "जब हमें इस गतिविधि की जानकारी मिली तो हमने वह अकाउंट और उससे जुड़ी बुनियादी सुविधाओं को बंद कर दिया।"
भारत
- सबसे चिंताजनक हाल भारत का है, जहाँ 300 लोगों को निशाने पर लिए जाने की बात कही जा रही है, पर सरकार ने अब तक जाँच का एलान नहीं किया है।
- संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ, कामकाज बाधित हुआ, तृणमूल कांग्रेस सदस्य शांतनु सेन को मानसून सत्र के बचे हुए समय के लिए निलंबित कर दिया गया, पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने सदन में सिर्फ एक बयान पढ़ कर सुनाया।
- गृह मंत्री अमित शाह ने 'क्रोनोलोजी समझने' का आग्रह करते हुए सवाल किया कि मानसून सत्र शुरू होने के ठीक पहले ही यह रिपोर्ट क्यों सामने आई।
- उन्होंने कहा कि यह भारत के लोकतंत्र को बदनाम करने की साजिश है, कुछ लोग नहीं चाहते कि भारत विकास के रास्ते पर चले।
- पूर्व आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सवाल किया कि जब 40 देशों में पेगासस का इस्तेमाल हो ही रहा है तो भारत में इस पर क्यों बावेला मचा हुआ है।
- कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि वे आईटी पर बनी संसद की स्थायी समिति की अगली बैठक में इस मुद्दे पर पूछताछ करेंगे।
- तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि स्वत: संज्ञान लेते हुए वह इस मामले की जाँच के आदेश दे।
सवाल यह उठता है कि जब इज़रायल समेत इतने सारे देशों ने जाँच के आदेश दे दिए हैं तो भारत सरकार इसकी जाँच क्यों नहीं करवा रही है।
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