पिछले महीने दिल्ली चुनाव आयोग ने कानूनी सलाह मांगी थी कि क्या वह तीन नगर निगमों के लिए केंद्र से उनके एकीकरण के बाद चुनाव करा सकता है। आयोग ने इसके बाद तीनों एमसीडी में चुनाव की तारीखों की घोषणा को टाल दिया था। इसके बाद, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राजधानी में एमसीडी चुनाव होने देने का आग्रह करते हुए कहा कि चुनाव स्थगित करना लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करता है।
अब क्या होगा
एक एमसीडी अधिसूचना के बाद, परिसीमन (डीलिमिटेशन) प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू होने की उम्मीद है। अधिसूचना के बाद एमसीडी चुनाव भी निर्धारित किए जाएंगे।केंद्र का नियंत्रण
दिल्ली नगर निगम संशोधन अधिनियम, 2022, केंद्र को नागरिक निकाय का पूर्ण नियंत्रण देता है। इस अधिनियम में यह भी प्रावधान है कि सीटों की संख्या 250 से अधिक नहीं होनी चाहिए जो वर्तमान में 272 है। इसका मतलब है कि परिसीमन के जरिए उसे 250 वॉर्डों में बांटा जाएगा। इससे एमसीडी चुनाव में काफी देरी होगी।अधिनियम की सबसे खास बात यह है कि यह दिल्ली सरकार के मुकाबले केंद्र सरकार को अधिक अधिकार देता है। 2012 में, एमसीडी को तीन हिस्सों उत्तरी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों में बांटा गया था।
बीजेपी ने 2017 के एमसीडी चुनावों में 270 में से 181 वार्डों में पूर्ण बहुमत के साथ जीत हासिल की थी। आम आदमी पार्टी 48 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। अब आप एमसीडी में बीजेपी को कड़ी टक्कर देने की तैयारी कर रही है। पिछले दिनों उसने इस आशय के पोस्टर लगाकर भी अपनी मंशा जता दी थी।
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