विपक्षी एकता की कोशिशों के मद्देनजर बिहार के सीएम नीतीश कुमार सोमवार 5 सितंबर को दिल्ली आ रहे हैं। उनका यह तीन दिन का दौरा विपक्षी एकता की दिशा में नई इबारत लिखने जा रहा है। नीतीश अपने तीन दिवसीय दिल्ली दौरे के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी समेत कई महत्वपूर्ण विपक्षी नेताओं से मिलने वाले हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को पटना में हुई जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में नीतीश ने एक बार फिर सारे संशय दूर करने की कोशिश की। नीतीश कुमार ने रविवार को बैठक में कहा कि वह अब कभी भी बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। एनडीए में वापस जाना एक बड़ी गलती थी।
जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की दो दिवसीय बैठक रविवार को खत्म होने के बाद नीतीश ने कहा कि सभी पूर्वी राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करनी चाहिए। सीएम ने दोहराया कि जेडीयू लंबे समय तक एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद केंद्र सरकार बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा देने की मांग को ठुकराता रहा।
जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया: नीतीश फिर से बीजेपी में वापस नहीं जाने के बारे में बहुत स्पष्ट थे और उन्होंने स्वीकार किया कि 2017 में एनडीए में लौटना एक गलती थी। उन्होंने यह भी विस्तार से बताया कि कैसे बीजेपी जेडीयू को खत्म करने की व्यवस्थित कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि राजेंद्र प्रसाद सिंह और रामेश्वर चौरसिया जैसे वरिष्ठ बीजेपी नेताओं ने 2020 के चुनावों में लोजपा से चुनाव लड़ा और यह साबित कर दिया कि चिराग पासवान हमें नुकसान पहुंचाने के लिए बीजेपी द्वारा प्लांट किए गए थे।
त्यागी ने हालांकि यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी ने 2024 के चुनावों में नीतीश को प्रोजेक्ट करने के बारे में कभी बात नहीं की। हमने केवल नीतीश को विपक्षी एकता की दिशा में काम करने के लिए अधिकृत किया है। वह सोमवार को तीन दिवसीय दौरे पर दिल्ली जा रहे हैं। उनके राहुल गांधी, सीताराम येचुरी और विपक्षी दलों के कुछ अन्य नेताओं से मिलने की संभावना है। नीतीश जी को कुछ और निमंत्रण भी मिले हैं जिन पर पार्टी निकट भविष्य में जवाब देगी।
जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक के मौके पर लगाया गया पोस्टर
दो दिवसीय जेडीयू की बैठक, जिसमें 300 से अधिक प्रतिनिधियों की भागीदारी थी, ने उन परिस्थितियों पर चर्चा की जिसके कारण एनडीए विभाजित हुआ और राष्ट्रीय राजनीति में नीतीश की भूमिका पर चर्चा हुई। पटना में इस मौके पर "बिहार ने देखा, अब देश देखेंगे" और "जुमला नहीं, हकीकत" जैसे पोस्टर राष्ट्रीय राजनीति में नीतीश के कदम को लेकर पोस्टर लगाए गए थे।
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