नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल ने कहा है कि ‘16 मई से कोरोना संक्रमण के मामले ज़ीरो हो जाएंगे’, इस बयान को समझने में ग़लती हुई है। पॉल कोरोना संकट से निपटने के लिए बनी सरकारी कमेटी के मुखिया हैं।
पॉल ने शुक्रवार को कहा, ‘किसी ने भी कभी यह नहीं कहा कि किसी एक तारीख़ को कोरोना के मामले ज़ीरो हो जाएंगे। यहां कुछ ग़लतफहमी हुई है और इसमें सुधार करने की ज़रूरत है।’ पॉल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जो भी ग़लतफहमी हुई है, उसके लिए उन्हें खेद है और वह माफ़ी मांगते हैं। यह पहली बार है जब डॉ. पॉल ने इस बात को खुले मंच पर स्वीकार किया है।
अंग्रेजी अख़बार ‘द हिंदू’ ने 24 अप्रैल को ख़बर दी थी कि डॉ. पॉल ने स्वास्थ्य मंत्रालय की ब्रीफ़िंग में प्रजेंटेशन के जरिये इसे विस्तार से बताया था कि लॉकडाउन कोरोना वायरस को फैलने से रोक रहा है।
‘द हिंदू’ के मुताबिक़, डॉ. पॉल ने जो प्रजेंटेशन दी थी, उसमें यह कहा गया था कि पहले लॉकडाउन के कारण भारत में अप्रैल में संक्रमण के मामले 1 लाख तक नहीं पहुंचे। इसमें वायरस के ट्रांसमिशन और मामलों के दोगुने होने में ज़्यादा समय लगने की भी बात कही गई थी।
The geniuses at Niti Aayog have done it again.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 15, 2020
I’d like to remind you of their graph predicting the Govt's national lockdown strategy would ensure no fresh Covid cases from tomorrow, May the 16th. pic.twitter.com/zFDJtI9IXP
अपनी राय बतायें