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भारत से फरार गुरु नित्यानंद

नित्यानंद के कैलासा ने यूएस के 30 से ज्यादा शहरों को ठगाः रिपोर्ट

काल्पनिक देश कैलासा के संस्थापक और स्वयंभू धर्मगुरु नित्यानंद का फ्रॉड एक-एक करके सामने आ रहा है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि कैलासा ने अमेरिका के 30 से ज्यादा शहरों के साथ सिस्टर सिटीज की सांस्कृतिक साझेदारी का दावा किया। लेकिन इस स्कैम का भेद तब खुला जब अमेरिकी राज्य न्यू जर्सी के नेवार्क शहर ने कैलासा के साथ सिस्टर सिटीज के लिए हुए करार को तोड़ दिया। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने शुक्रवार को फॉक्स न्यूज के हवाले से इस संबंध में एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट को एनडीटीवी और अन्य मीडिया ने भारत में पेश किया है। नित्यानंद भारत से फरार है और उस पर अपने आश्रम की लड़कियों के साथ रेप के आरोप हैं। हालांकि उसने आरोपों से इनकार किया है।

नित्यानंद के चेलों ने 20219 में सोशल मीडिया पर यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा (यूएसके) नामक काल्पनिक देश की घोषणा की थी। जल्द ही दो करोड़ से ज्यादा हिन्दू इसके सदस्य बन गए। सोशल मीडिया के जरिए काल्पनिक देश यूएसके की नागरिकता लेने के लिए होड़ मच गई। लेकिन जितनी तेजी से नित्यानंद ने कैलासा को मशहूर किया, उतनी ही तेजी से सारा फ्रॉड भी सामने आ गया। यूएसके की घोषणा करते हुए कहा गया था कि इस देश में दुनियाभर में प्रताड़ित हिन्दुओं को नागरिकता मिलेगी। 

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नेवार्क शहर और फर्जी "यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा" (यूएसके) के बीच सिस्टर-सिटी समझौते पर इस साल 12 जनवरी को हस्ताक्षर किए गए थे। इसके लिए बाकायदा नेवार्क के सिटी हॉल में हस्ताक्षर समारोह हुआ था।

काल्पनिक देश यूएसके की वेबसाइट पर दावा किया गया कि 30 से अधिक अमेरिकी शहरों ने कैलासा के साथ एक सांस्कृतिक साझेदारी पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें रिचमंड, वर्जीनिया से डेटन, ओहियो, बुएना पार्क, फ्लोरिडा तक के शहर बताए गए हैं। फॉक्स न्यूज ने इसी गुरुवार को इस संबंध में इस फ्रॉड को लेकर एक विशेष रिपोर्ट दिखाई।

फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस फ्रॉड बाबा के पूरे फर्जीवाड़े का पता लगा रहे हैं, जिन्हें सिस्टर सिटी के नाम पर ठगा गया है। फॉक्स न्यूज ने बताया कि फर्जी देश के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले अमेरिकी शहरों की काउंसिल के पास प्रतिक्रिया लेने चैनल पहुंचा। रिपोर्ट के मुताबिक अधिकांश शहरों की काउंसिल ने पुष्टि की है कि वास्तव में उन्होंने सांस्कृतिक साझेदारी के लिए काल्पनिक देश यूएसके के साथ समझौता किया था।
हालांकि अब उन शहरों को सच समझ में आने लगा है। जैक्सनविले, उत्तरी कैरोलिना ने फॉक्स न्यूज को बताया: कैलासा के साथ हमारी घोषणाएं उसका समर्थन नहीं हैं। यूएसके ने इस संबंध अनुरोध किया था। लेकिन हम मांगी गई जानकारी को सत्यापित नहीं करते हैं।

फॉक्स न्यूज ने कहा कि फर्जी देश यूएसके के बारे में इन अमेरिकी शहरों ने "गूगलिंग" (गूगल) तक नहीं किया, जिससे उन्हें पता लग जाता कि ये फर्जी देश कहीं नहीं है।

फॉक्स न्यूज एंकर ने कहा कि अगर ऐसे देश की कोई घोषणा हुई होती तो कहीं तो मिलती है। लेकिन उन्होंने इन शहरों को बस बताया कि हम एक एक विदेशी हिंदू द्वीप हैं। और ऐसे शहर उसके सड़क का नाम रखने को तैयार हो गए। फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ मेयर या नगर परिषद ही नहीं बल्कि फेडरल सरकार चलाने वाले लोग भी इस नकली राष्ट्र के लिए टूट पड़े।
हद तो यह है कि अमेरिकी कांग्रेस के दो सांसदों ने कैलासा को "विशेष मान्यता" दी है। उनमें से एक कैलिफोर्निया की महिला सांसद नोर्मा टोरेस हैं, जो सदन की एक्सचेंज कमेटी में हैं। फॉक्स न्यूज के एंकर ने कहा, "तो, जो शख्स यह तय करता है कि हम अपने टैक्स के पैसे को किस पर और कहां खर्च करेंगे, उन्हें एक कथित बलात्कारी गुरु ने नकली देश के नाम पर धोखा दे दिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक ओहायो से रिपब्लिकन सांसद ट्रॉय बाल्डरसन ने भी "कैलासा की दिव्य पवित्रता और हिंदू धर्म के पुजारी को मान्यता दे दी।"

बहरहाल, इस महीने की शुरुआत में, नेवार्क शहर के संचार विभाग में प्रेस सचिव, सुसान गैरोफलो ने एक ईमेल में पीटीआई को बताया था कि "जैसे ही हमें कैलासा की कहानियों और परिस्थितियों के बारे में पता चला, नेवार्क शहर ने तुरंत कार्रवाई की और सिस्टर सिटी समझौते को रद्द कर दिया।
गैरोफलो ने कहा- धोखा देकर नेवार्क में समारोह कराया गया...यह एक खेदजनक घटना थी। लेकिन नेवार्क शहर सभी संस्कृतियों के लोगों का सम्मान करता है और उनके साथ साझेदारी करने के लिए प्रतिबद्ध है। बता दें कि नेवार्क काउंसिलमैन एट लार्ज लुइस क्विंटाना ने कैलासा के साथ समझौते को रद्द करने के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया था।

उन्होंने आधिकारिक कार्यवाही के दौरान कहा कि किसी भी शहर को सिस्टर सिटी समझौते में आने के लिए मानव अधिकारों के बेहतर स्टैंडर्ड को पेश करना होगा। हम सिस्टर सिटीज को इंटरनेशनल लेवल पर पेश नहीं कर सकते हैं, जहां विवाद हो। नेवार्क खुद को ऐसी स्थिति में नहीं रख सकता है जहां एक सिस्टर सिटी (कैलासा) में कोई मानवाधिकार ही नहीं हो।
उन्होंने कहा था कि आगे इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि जब किसी सिस्टर सिटी को प्रोत्साहित किया जाए, वहां की सरकारों के साथ समझौते किए जाएं तो वहां के मानवाधिकार की स्थिति का पता हो। हम ऐसी सरकारों से समझौता नहीं कर सकते, जहां कोई मानवाधिकार ही न हो।
फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट ने नेवार्क के नागरिक के हवाले से कहा कि फर्जी राष्ट्र के साथ सिस्टर सिटी समझौता हमारे शहर के लिए एक शर्मनाक घटना है। उसने फॉक्स न्यूज से कहा - मुझे लगता है कि यह शर्मनाक है। उन्होंने (नेवार्क सिटी काउंसिल) ने पहले उनकी पृष्ठभूमि के बारे में पता नहीं लगाया।

बहरहाल, पिछले महीने, यूएसके के प्रतिनिधियों ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र की दो सार्वजनिक बैठकों में भाग लिया। ये बैठकें 22 और 24 फरवरी हुई थीं। पहली बैठक में महिलाओं के खिलाफ भेदभाव के उन्मूलन पर सीईडीएडब्ल्यू की बैठक थी। दूसरी बैठक आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों की समिति (सीईएससीआर) ने आयोजित की थी, जिसमें आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक अधिकारों पर सामान्य चर्चा थी। इनमें फर्जी काल्पनिक देश के प्रतिनिधि मौजूद थे।
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संयुक्त राष्ट्र के मंच पर कैलासा के प्रतिनिधियों की भागीदारी के सवालों पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) के कार्यालय ने कहा था कि इस तरह के सार्वजनिक आयोजनों के लिए रजिस्ट्रेशन गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और आम जनता के लिए खुला है। कोई भी जानकारी पेश कर सकता है।

ओएचसीएचआर ने कहा पहली बैठक के दिन यानी 22 फरवरी को यूएसके के सदस्यों को सम्मेलन कक्ष के सामने और अंदर कैलासा की प्रचार सामग्री बांटने से रोका गया था। समिति उनकी लिखित प्रस्तुति को प्रकाशित नहीं करेगा, क्योंकि वो सामान्य चर्चा के विषय के लिए अप्रासंगिक है।

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क़मर वहीद नक़वी
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