ब्रिटेन की हाई कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी के द्वारा भारत में प्रत्यर्पण किए जाने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। अब यह माना जा रहा है कि नीरव मोदी को भारत लाने का रास्ता आसान हो गया है। पीएनबी में हुए 14 हज़ार करोड़ के घोटाले के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी देश छोड़कर भाग गए थे। बाद में नीरव मोदी लंदन चला गया।
हाई कोर्ट ने कहा कि नीरव मोदी का प्रत्यर्पण गलत नहीं होगा। अदालत ने 12 अक्टूबर को नीरव मोदी की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। भारत के द्वारा नीरव मोदी का प्रत्यर्पण किए जाने के खिलाफ इस भगोड़े कारोबारी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा था कि भारत एक विदेशी ताकत है और ब्रिटेन को अपने प्रत्यर्पण संधि के दायित्वों का सम्मान करना चाहिए। भारत सरकार ने कहा था कि नीरव मोदी को मुंबई में आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा और चिकित्सा सुविधा दी जाएगी।
नीरव मोदी को मार्च, 2019 में गिरफ़्तार किया गया था और तब से उसे भारत लाने की कोशिशें चल रही हैं। पीएनबी मामले में नीरव मोदी के ख़िलाफ़ सीबीआई और ईडी दोनों ही जांच कर रही हैं। उस पर सुबूतों से छेड़छाड़ करने और गवाहों को धमकाने के भी मुक़दमे दर्ज हैं।
नीरव मोदी की ओर से अपने बचाव में अदालत के सामने यह तर्क दिया गया था कि वह डिप्रेशन में है और आत्महत्या कर सकता है और अगर उसे भारत भेजा जाता है तो उसके साथ कुछ गलत हो सकता है क्योंकि भारत में नेताओं ने उसे बदनाम किया हुआ है। नीरव मोदी की टीम ने भारतीय मीडिया पर उनके मुवक्किल के खिलाफ नकारात्मक माहौल बनाने का आरोप लगाया और दिखाया कि जनता ने उनके पुतले जलाए।
लेकिन अदालत ने कहा कि वह नीरव मोदी की मानसिक स्थिति और उसके आत्महत्या करने के खतरे को लेकर दी गई दलील से संतुष्ट नहीं है और उसका भारत प्रत्यर्पण किया जाना गलत नहीं होगा।
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बीते साल ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को मंजूरी देकर इस मामले को वहां के गृह सचिव के पास भेज दिया था। गृह सचिव ने भी इसे हरी झंडी दे दी थी।
फरवरी, 2019 में 'द टेलीग्राफ़' अख़बार ने नीरव मोदी को ढूंढ निकाला था। अख़बार का कहना था कि ब्रिटेन के वर्क एंड पेंशन विभाग ने नीरव मोदी को नया बीमा नंबर दिया है, इसका मतलब यह है कि वह ब्रिटेन में रह सकता है और कारोबार भी कर सकता है।
पीएनबी घोटाले के मास्टरमाइंड कहे जाने वाले मेहुल चौकसी ने एंटिगा की नागरिकता ले ली है। मेहुल चौकसी का प्रत्यर्पण होना मुश्किल है क्योंकि एंटिगा के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है।
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