loader

1 अप्रैल से बदले आयकर के नियम, क्या बदलाव हुए, आप भी जानें

1 अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू होने के बाद आयकर के नियमों में भी बदलाव हुए हैं। इन बदलावों का एलान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में नया बजट पेश करते हुए किया था। ये सभी बदलाव 1 अप्रैल से लागू हो गए हैं। क्या हैं ये बदलाव, इनके बारे में जानते हैं। 

टीडीएस 

टीडीएस (टैक्स डिडेक्टेड एट सोर्स) या टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) का प्रस्ताव इसलिए किया गया था कि ज़्यादा से ज़्यादा लोग अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर सकें। इस बार के बजट में दो सेक्शन 206AB और 206CCA को भी जोड़ा गया था, जिससे ऐसे लोग जो आयकर रिटर्न नहीं भरते हैं उनसे टीडीएस और टीसीएस काटा जा सके। 

ताज़ा ख़बरें

वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगी छूट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट को पेश करते वक़्त यह प्रस्ताव रखा था कि 75 साल से ऊपर की उम्र वाले लोगों को आयकर रिटर्न भरने से छूट दी जाएगी। ऐसा वरिष्ठ नागरिकों को राहत देने के लिए किया गया था। लेकिन यह प्रस्ताव सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए जो सिर्फ़ पेंशन पर निर्भर हैं और इसके अलावा उनके पास आय का दूसरा स्रोत नहीं है। 

पीएफ से जुड़े नियम

अब आप भविष्य निधि यानी पीएफ में सालाना पांच लाख रुपये तक जमा करा सकते हैं और उस रकम पर इनकम टैक्स नहीं लगेगा। सरकार ने वित्त अधिनियम 2021 में संशोधन कर कर-मुक्त पीएफ कांट्रीब्यूशन की सीमा 2.50 लाख से बढ़ा कर पांच लाख रुपये कर दी थी। बजट 2021 में कहा गया था कि पीएफ में पैसे जमा करने पर आयकर नहीं लगेगा, वह रकम 2.50 लाख रुपये पर ही सीमित रखी जाएगी। लेकिन बाद में सरकार ने उसमें संशोधन कर उसे दूना कर दिया था यानी अब पीएफ में सालाना पांच लाख रुपये तक जमा कराने पर उस रकम को आय में नहीं जोड़ा जाएगा और इस तरह उस पर आयकर भी नहीं लगेगा। 

क्या कहा था निर्मला सीतारमण ने?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 के भाषण में कहा था कि कुछ लोग बड़ी रकम पीएफ में जमा कराते हैं और उस पर उन्हें ब्याज मिलता है। उन्होंने कहा था कि पीएफ दरअसल मज़दूरों के लिए है, लेकिन इसका फ़ायदा दूसरे लोग उठाते हैं, मजदूरों के पास इतना पैसा नहीं होता कि वे बड़ी रकम इसमें जमा करा सकें। लिहाज़ा, इस पर रोक लगाने के लिए यह तय किया गया था कि अब पीएफ में 2.50 लाख रुपये तक ही जमा कराया जा सकेगा जिस पर आयकर नहीं लगेगा। सरकार ने इस रकम को बढ़ा कर पांच लाख कर दिया था। 

देश से और ख़बरें

प्री फिल्ड फ़ॉर्म 

इस वित्तीय वर्ष में यानी 1 अप्रैल से प्री फिल्ड इनकम टैक्स रिटर्न के फ़ॉर्म भी आयकर दाताओं को मिलेंगे। इनमें लिस्टेड सिक्योरिटीज से होने वाली आय, म्युचुअल फंड, लाभांश की आय, बैंकों और पोस्ट ऑफ़िस से मिलने वाला ब्याज आदि जानकारियां पहले से भरी होंगी। 

एलटीसी स्कीम

बजट, 2021 में सरकार ने प्रस्ताव रखा था कि लीव ट्रैवल कंसेशन (एलटीसी) में कर की छूट दी जाए। यह प्रस्ताव ऐसे लोगों के लिए लाया गया था जो लोग कोरोना के कारण यात्राओं पर लगे प्रतिबंधों की वजह से टैक्स बेनिफिट का दावा नहीं कर सके थे।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें