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यूक्रेन की सांसद लेसिया वैसिलेन्को द्वारा सोशल मीडिया पर ट्वीट किया गया खारकीव की तबाही का फोटो।

खारकीव में अब रूस की मदद से निकल रहे हैं भारतीय

खारकीव में भारतीय छात्रों को आज फिर एक एडवाइजरी जारी कर उनसे फॉर्म भरने को कहा गया, ताकि उन्हें वहां से निकाला जा सके। इससे पहले कल जब एडवाइजरी जारी हुई थी तो वहां मेट्रो स्टेशन पहुंचने पर अफरातफरी मच गई थी। खारकीव में हालात बिगड़ चुके हैं। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उसे कुछ सूत्रों ने बताया कि खारकीव अब व्यावहारिक रूप से रूसी नियंत्रण में है। वहां रूसी भारतीय नागरिकों को निकालने में मदद कर रहे हैं।
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भारतीय एम्बेसी ने कल कई दो एडवाइजरी जारी कर खारकीव में भारतीयों को स्थानीय समयानुसार शाम छह बजे तक तुरंत" शहर छोड़ने और पास के तीन शहरों - पिसोचिन, बाबई या बेज़लुदिवका तक पहुंचने के लिए कहा था। दूतावास ने ऑल-कैप एडवाइजरी में कहा था कि जिन्हें ट्रांसपोर्ट न मिले वो लोग पैदल ही चल पड़ें।  
आज शाम को दूतावास के हैंडल से ट्वीट किया गया, "सभी भारतीय नागरिक जो खारकीव में हैं, कृपया फौरन फॉर्म भरें। इस फॉर्म में नाम, पता, पासपोर्ट नंबर और निकाले जाने वाले अतिरिक्त लोगों की संख्या शामिल है।

आज शाम, सरकार ने कहा कि यूक्रेन से पिछले 24 घंटों में 15 उड़ानों में 3,000 भारतीयों को निकाला गया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि "ऑपरेशन गंगा" कार्यक्रम के तहत छात्रों को घर पहुंचाने के लिए और उड़ानें निर्धारित की गई हैं।

कल की एडवाइजरी ने खारकीव स्टेशन पर घंटों इंतजार कर रहे छात्रों को परेशान कर दिया था। वहां इतनी भीड़ हो गई थी, जिस वजह से काफी तो ट्रेन में चढ़ने में असमर्थ थे। कई वीडियो संदेशों में, छात्रों ने कहा कि उनमें से कई बड़े जोखिम उठाकर स्टेशन तक पहुंचने में कामयाब रहे और फिर जब ट्रेन में चढ़े तो उन्हें बाहर कर दिया गया। बाद में शाम को, सूत्रों ने कहा कि छात्राओं को रूसी मदद से ट्रेन से यूक्रेन की पश्चिमी सीमा पर भेजा गया और छात्रों को निकालने के प्रयास जारी थे।

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क़मर वहीद नक़वी
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