नीट पेपर लीक मामले की जाँच अब बिहार के बाद महाराष्ट्र, गुजरात होते हुई दिल्ली तक पहुँच गई है। नीट पेपर लीक मामले में बिहार के बाद कार्रवाई महाराष्ट्र में की गई थी। कथित संलिप्तता के लिए महाराष्ट्र के दो स्कूली शिक्षकों के ख़िलाफ़ लातूर में मामला दर्ज किया गया है। संजय तुकाराम जाधव और जलील उमरखान पठान से नांदेड़ के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने पूछताछ की। वे जिला परिषद स्कूलों में पढ़ाते थे और लातूर में निजी कोचिंग सेंटर भी चलाते थे। इन्हीं से पूछताछ के आधार पर जाँच दिल्ली तक पहुँची। इधर, इस मामले की जाँच के लिए सीबीआई टीम गुजरात के गोधरा में भी पहुँची।
एक रिपोर्ट के अनुसार पुलिस को उनके फोन पर कई छात्रों के एडमिट कार्ड और व्हाट्सएप चैट मिले हैं। दोनों व्यक्ति राष्ट्रीय राजधानी में एक व्यक्ति के साथ नियमित संपर्क में थे। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली स्थित गंगाधर ने संजय तुकाराम जाधव और जलील उमरखान पठान को उन उम्मीदवारों से संपर्क करने में मदद की जो गारंटीशुदा सफलता के लिए भारी कीमत चुकाने को तैयार थे।
महाराष्ट्र पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में गंगाधर और नांदेड़ के एक कोचिंग संस्थान में प्रशिक्षक इरन्ना कोंगलवार का भी नाम है। धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोपों में मामला दर्ज किया गया है। जलील उमरखान पठान को घंटों पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया, जबकि संजय तुकाराम जाधव फरार है।
नीट का यह मामला तब सामने आया था जब पहली बार बड़ी संख्या में छात्र टॉप कर गए। इसके बाद पता चला कि इस बार कुछ सेंटर पर पेपर देरी से दिए जाने के लिए ग्रेस मार्क्स दिए गए। इसी बीच बिहार पुलिस ने पेपर लीक मामले में बड़ी कार्रवाई की और कुछ आरोपियों को गिरफ़्तार किया। इस मामले का तार गुजरात से भी जुड़ा है। सीबीआई की टीम सोमवार को गुजरात के गोधरा में पहुँची है।
बिहार सरकार की आर्थिक अपराध इकाई ने शनिवार को केंद्र को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसकी जांच से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि नीट-यूजी परीक्षा में पेपर लीक हुआ है।
केंद्र ने ईओयू से रिपोर्ट मांगी थी। ईओयू ने 5 मई को परीक्षा के तुरंत बाद चार परीक्षार्थियों सहित 13 लोगों की गिरफ्तारी के बाद जांच का जिम्मा संभाला था। रिपोर्ट में मोटे तौर पर तीन बिंदुओं का उल्लेख किया गया है - अब तक के साक्ष्यों के आधार पर पेपर लीक होने का स्पष्ट संकेत, एक अंतर-राज्यीय गिरोह की संभावित संलिप्तता और बिहार के कुख्यात 'सॉल्वर गिरोह' की संदिग्ध भूमिका।
बिहार पुलिस का मानना है कि देश भर में फैले 'सॉल्वर गैंग' का मुखिया रवि अत्री ही इस लीक का मास्टरमाइंड है। यह नेटवर्क सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से हल किए गए प्रश्नपत्र प्राप्त करने और बाँटने में माहिर है, जो गारंटीशुदा सफलता के लिए भारी कीमत चुकाने को तैयार उम्मीदवारों के लिए काम करता है। अत्री 'परीक्षा माफिया' के भीतर अपने संबंधों का लाभ उठाते हुए विभिन्न राज्यों में बेखौफ काम करता था।
बता दें कि बिहार पुलिस ने पहले चार लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने नीट यूजी परीक्षा से एक रात पहले प्रश्नपत्र लीक करने की बात कबूल की थी। पुलिस अब 'सॉल्वर गैंग' की भूमिका की जांच कर रही है, जो छात्रों को लीक हुए परीक्षा के पेपर बेचते हैं और उम्मीदवारों के लिए परीक्षा देने के लिए प्रॉक्सी उम्मीदवार उपलब्ध कराते हैं।
शनिवार को नीट पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई क्योंकि सरकार ने छात्रों के हितों की रक्षा करने का संकल्प लिया था। यह यूजीसी-नेट अनियमितताओं की भी जांच कर रही है, जिसमें पेपर लीक होना और डार्क नेट पर बेचा जाना शामिल है।
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