आख़िरकार एनसीबी ने भी आर्यन ख़ान को ड्रग्स मामले में आरोपों से मुक्त कर दिया। एनसीबी यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने शुक्रवार को चार्जशीट दाखिल की है और उसमें उसने कहा है कि आर्यन ख़ान के पास से उसे कोई ड्रग्स नहीं मिला था।
पिछले साल कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर ड्रग्स पाए जाने के मामले में एनसीबी ने 6,000 पन्नों की चार्जशीट दायर की है। इसमें 14 आरोपियों के नाम हैं। एनसीबी के बयान में कहा गया है कि आर्यन और मोहक को छोड़कर सभी आरोपियों के पास ड्रग्स पाए गए थे। बयान में साफ़ तौर पर कहा गया है कि एजेंसी को आर्यन खान और पांच अन्य के ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत नहीं मिले। आर्यन को आरोपी नहीं बनाया गया है। मार्च महीने में ही एनसीबी ने क्रूज ड्रग्स मामले में चार्जशीट दाखिल करने के लिए 90 अतिरिक्त दिनों की मांग की थी। लेकिन मुंबई की विशेष अदालत ने चार्जशीट दाखिल करने के लिए 60 अतिरिक्त दिनों का समय दिया था।
शाहरूख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान के मामले में काफ़ी हंगामा होने के बाद इसकी जाँच के लिए गठित एसआईटी ने भी फ़रवरी महीने में ही कह दिया था कि इस बात के कोई सुबूत नहीं मिले हैं कि आर्यन ड्रग्स की किसी साजिश या इंटरनेशनल ड्रग्स ट्रैफ़िकिंग सिंडिकेट का हिस्सा हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार जाँच करने वाली एसआईटी ने यह भी कहा था कि कार्डेलिया क्रूज पर छापेमारी को लेकर काफी अनियमितताएं मिलीं। सूत्रों के हवाले से ख़बर आई थी कि एसआईटी की जांच में पता चला कि आर्यन खान ने कभी भी अपने दोस्त अरबाज मर्चेंट से क्रूज़ पर ड्रग्स लाने के लिए नहीं कहा।
कहा जाता रहा है कि एनसीबी के नियमों के मुताबिक़, किसी छापेमारी की वीडियो रिकॉर्डिंग होनी ज़रूरी है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ।
एनसीबी ने पिछले साल कॉर्डेलिया क्रूज पर एक रेव पार्टी पर छापा मार कर 13 ग्राम कोकीन, 21 ग्राम चरस, 22 ग्राम एमडीएमए पाँच ग्राम एमडी बरामद किए थे। इसी ड्रग्स मामले में एनसीबी ने आर्यन और दूसरे लोगों को गिरफ़्तार किया था। आर्यन ख़ान पर प्रतिबंधित नशीले पदार्थ खरीदने, रखने और उनका इस्तेमाल करने के आरोप लगाए गए थे।
आर्यन ख़ान 3 हफ़्ते से ज़्यादा समय तक जेल में रहे थे। इस दौरान दो बार उनकी ज़मानत याचिका खारिज की गई थी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने 28 अक्टूबर को उनको जमानत दी थी।
अदालत ने अपने जमानत वाले आदेश में कहा था कि आरोपियों- आर्यन ख़ान, अरबाज मर्चेंट, मुनमुन धमेचा के बीच साज़िश दिखाने वाले क़रीब-क़रीब कोई भी सकारात्मक सबूत नहीं हैं।
अदालत ने कहा था, 'इस न्यायालय को यह समझाने के लिए रिकॉर्ड पर शायद ही कोई सकारात्मक सबूत है कि सभी आरोपी व्यक्ति आम इरादे से गैरकानूनी कार्य करने के लिए सहमत हुए। बल्कि इस दिन तक की गई जांच से पता चलता है कि आर्यन और मर्चेंट तीसरे आरोपी धमेचा से अलग यात्रा कर रहे थे और उक्त मुद्दे पर उनकी कोई बैठक नहीं हुई।'
बता दें कि आर्यन से कोई ड्रग्स बरामद नहीं किया गया था और कथित तौर पर मर्चेंट और धमेचा से थोड़ी मात्रा में ड्रग्स बरामद किए गए थे।
उस सेल्फी लेने वाले का नाम किरण गोसावी है। गोसावी की आर्यन के साथ सेल्फी बहुत वायरल हुई थी और सवाल उठे थे कि आख़िर यह व्यक्ति कौन है। जब एनसीबी से गोसावी के बारे में पूछा गया तो एनसीबी ने साफ़ कर दिया कि गोसावी एनसीबी का अधिकारी नहीं है। कॉर्डेलिया क्रूज पर छापेमारी में एनसीबी ने शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया था तो गोसावी आर्यन को पकड़कर एनसीबी दफ्तर ले जाता हुआ दिखाई दिया था।
ऐसे में यह सवाल उठा कि जब गोसावी एनसीबी का अधिकारी नहीं था तो फिर वह आर्यन को एस्कॉर्ट करते हुए एनसीबी के दफ्तर कैसे लेकर गया था। बाद में एनसीबी ने गोसावी को स्वतंत्र गवाह क़रार दिया था।
इस मामले में तब एक नया मोड़ आ गया था जब एक गवाह और खुद को केवी गोसावी का बॉडीगार्ड बताने वाले प्रभाकर सेल ने चौंकाने वाला खुलासा किया। सेल ने दावा किया था कि उसने '18 करोड़ के सौदे' की बात सुनी थी जिसमें से '8 करोड़ रुपये समीर वानखेड़े को दिए जाने' की बात कही जा रही थी। हालाँकि इन आरोपों को एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े ने खारिज किया था।
बाद में जब उस गोसावी के बारे में पता चला कि उसके ख़िलाफ़ पहले से ही कई मुक़दमे चल रहे हैं तो वह ग़ायब हो गया था। बाद में उसकी गिरफ़्तारी हुई।
नये-नये खुलासों से सवाल उठे कि क्या आर्यन ख़ान को करोड़ों रुपये का सौदा कर फँसाया गया? क्या इसके पीछे एक बड़ी साज़िश थी?
ऐसे ही सवालों को लेकर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक लगातार एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े और बीजेपी पर हमलावर रहे। इस बीच समीर वानखेड़े के ख़िलाफ़ कई आरोप लगे और उन्हें आख़िरकार मुंबई से हटाकर दिल्ली कार्यालय में भेज दिया गया।
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