बॉलीवुड फ़िल्ममेकर करण जौहर तक एनसीबी पहुँच ही गई। सूत्रों के अनुसार एंटी नारकोटिक्स ब्यूरो यानी एनसीबी ने करण जौहर से उस क़रीब सवा साल पुराने वीडियो के बारे में सफ़ाई माँगी है जिसमें बॉलीवुड की कई हस्तियाँ देखी गई थीं। रिपोर्टों में कहा गया है कि अपने घर पर दी गई पार्टी में उस वीडियो को ख़ुद करण जौहर ने ही शूट किया था और उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया था।
एनसीबी सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग्स के एंगल की जाँच के संदर्भ में यह सफ़ाई माँगी गई है। 'एनडीटीवी' ने सूत्रों के हवाले से यह ख़बर दी है।
वह वीडियो पिछले साल 27 जुलाई का बताया जाता है। जब पिछले साल इस वीडियो को शेयर किया गया था तब इस पर कुछ ख़ास आपत्ति नहीं की गई थी। लेकिन सुशांत सिंह मौत के बाद यह वीडियो एकाएक से चर्चा में आ गया।
दरअसल, सुशांस सिंह राजपूत केस के चलते एनसीबी ड्रग्स मामले की जाँच कर रही है और इस कारण कई पुराने वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इसमें फ़िल्म निर्माता करण जौहर के घर हुई साल 2019 में पार्टी का भी एक वीडियो था। इसमें कई बॉलीवुड हस्तियाँ मौजूद थीं। तब सोशल मीडिया पर लोगों ने वीडियो में लोगों के हावभाव देखकर ही यह आरोप लगा दिया था कि उस पार्टी में ड्रग्स का सेवन किया गया था। कुछ मीडिया ने इसकी ख़बरें भी दिखाईं।
इस मामले में करण जौहर ने इसी साल सितंबर में सफ़ाई दी और कहा, 'इन निंदनीय और दुर्भावनापूर्ण बयानों, समाचार लेखों और समाचारों की कतरनों ने अनावश्यक रूप से मुझे, मेरे परिवार, मेरे सहयोगियों और धर्मा प्रोडक्शंस के ख़िलाफ़ घृणा फैलाया, अवमानना की और उपहास उड़ाया है।'
उन्होंने कहा था कि 'मैं न तो नशीले पदार्थों का सेवन करता हूँ और न ही ऐसे किसी पदार्थ के सेवन को बढ़ावा देता हूँ।'
इसके अलावा उन्होंने उस मामले में भी सफ़ाई दी थी जिसमें कहा जा रहा था कि उनका क्षितिज प्रसाद और अनुभव चोपड़ा से संबंध था। क्षितिज प्रसाद और अनुभव चोपड़ा ड्रग्स के आरोपों में गिरफ़्तार किया गया था।
करण जौहर ने कहा, ‘कुछ समाचार चैनलों, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर यह ग़लत ख़बर चलाई जा रही है कि क्षितिज प्रसाद और अनुभव चोपड़ा मेरे सहयोगी हैं। मैं एक बात साफ कर देना चाहता हूँ कि मैं इन व्यक्तियों को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानता हूँ और इन दोनों में से कोई भी मेरा सहायक या क़रीबी सहयोगी नहीं है। अनुभव चोपड़ा कंपनी धर्मा प्रोडक्शंस में कर्मचारी नहीं थे, हालाँकि उन्होंने 2011 और 2013 के बीच स्वतंत्र रूप से कंपनी के साथ दो प्रोजेक्ट पर काम किया था।’
बता दें कि इस मामले ने तब तूल और पकड़ लिया था जब क्षितिज प्रसाद ने एनसीबी पर गंभीर आरोप लगा दिए थे।
क्षितिज के वकील सतीश मानशिंदे ने 27 सितंबर को मुंबई की एक अदालत को बताया था कि क्षितिज प्रसाद पर दबाव बनाया गया कि वह फ़िल्म निर्माता करण जौहर और उनकी कंपनी के कुछ अधिकारियों को झूठा फँसा दें। मानशिंदे ने क्षितिज के हवाले से कहा, ‘एनसीबी के अफ़सरों ने मुझसे (क्षितिज से) कहा कि वे मुझे जाने देंगे अगर मैं करण जौहर, सोमेल मिश्रा, राखी, अपूर्वा, नीरज या राहिल को फँसा दूँ। अफ़सरों ने मुझसे कहा कि मैं यह झूठा आरोप लगा दूँ कि वे लोग ड्रग्स लेते हैं।’
क्षितिज को उससे एक हफ़्ते पहले ही कुछ वॉट्सऐप चैट में ड्रग्स पैडलर से चैटिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
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