छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में माओवादियों के साथ मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के 17 जवान शहीद हो गए हैं। शनिवार को सुकमा ज़िले के चिंतागुफा में नक्सलियों ने जवानों पर हमला कर दिया। इसके बाद हुई ज़ोरदार मुठभेड़ में 17 जवान शहीद हो गए। बाद में उनकी सुरक्षा के लिए 550 जवानों की कुमुक भेजी गई। इसमें डीआरजी, एसटीएफ़ के अलावा कोबरा के जवान भी थे।
शहीद हुए जवानों में डीआरजी के 12 और एसटीएफ़ के 5 जवान थे। इस बीच नक्सलियों के साथ मुठभेड़ जारी है।
जंगल में एक जगह नक्सलियों के एकत्रित होने की ख़बर मिलने के बाद बरकापल और तिमेलवाड़ा से सुरक्षा बलों के जवानों को एलमागुंडा भेजा गया। जवान बताई हुई जगह पहुँच गए। जब वे वहाँ से लौट रहे थे, सूरजागुंडा की पहाड़ियों पर उन पर माओवादियों ने हमला कर दिया। दोनों ओर से ज़बदस्त गोलीबारी हुई।
डीजीपी दुर्गेश अवस्थी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पीपल्स लिबरेशन गुरिल्सा सेना की दो इकाइयों के माओवादी एलमागुंडा में जमा थे। उन्होंने कहा :
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'बीजापुर और सुकमा में माओवादियों का यह सबसे बड़ा जमावड़ा था। इसकी जानकारी मिलने के बाद उन्हें ख़त्म करने के लिए जवानों को भेजा गया था।'
दुर्गेश अवस्थी, डीजीपी, छत्तीसगढ़
डीजीपी ने कहा कि तक़रीबन 250 नक्सलियों ने जवानों पर हमला कर दिया। यह मुठभेड़ 5 घंटों तक चलती रही। बाद में 550 जवानों की कुमुक भी भेजी गई ताकि वे वहां लड़ रहे जवानों की मदद कर सकें।
बता दें कि सुकमा नक्सलियों का गढ़ है। यहाँ सुरक्षा बलों के साथ उनकी मुठभेड़ होती रहती है। इसके पहले भी कई बार नक्सिलयों ने सुरक्षा बलों पर हमले किए हैं।
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