नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रधानमंत्री पद की लगातार तीसरी बार शपथ ली। 2014 में उन्होंने पहली बार इस पद पर शपथ ली थी। रविवार को शपथ ग्रहण समारोह में मोदी के बाद राजनाथ सिंह ने मंत्री के रूप में शपथ ली। शपथ लेने वालों में तीसरे नंबर पर अमित शाह आए और उन्होंने भी मंत्री पद के रूप में शपथ ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल में पहली बार बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा, एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को शामिल किया गया है। नई गठबंधन सरकार के 72 मंत्रियों के साथ शपथ ली। इनमें से 30 कैबिनेट मंत्री, पांच स्वतंत्र प्रभार और 36 राज्य मंत्री हैं। विभागों की घोषणा बाद में की जाएगी। शपथ लेने वालों में 9 नये चेहरे हैं।
राष्ट्रपति भवन में 8,000 से अधिक अतिथियों की उपस्थिति में मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद ने आधिकारिक तौर पर एनडीए के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत की। जवाहरलाल नेहरू के बाद पीएम मोदी लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने वाले दूसरे प्रधानमंत्री हैं। पीएम मोदी ने वाराणसी से लोकसभा चुनाव 1.5 लाख वोटों से जीता, जो 2019 के चुनाव में उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी पर 4.6 लाख वोटों की बढ़त से बहुत कम अंतर था।
मंत्रिमंडल में नितिन गडकरी को भी जगह मिली है। अमित शाह के बाद शपथ लेने वालों में नितिन गडकरी भी शामिल थे। गडकरी के बाद बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी मंत्री पद की शपथ ली। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। लोकसभा चुनाव से पहले ही शिवराज सिंह को एमपी के सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। अब उनको केंद्र में लाया गया है। पिछली मोदी सरकार में वित्त मंत्री रहीं निर्मला सीतारमण ने भी केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ली है। पिछली बार विदेश मंत्री रहे एस जयशंकर को भी मंत्रिमंडल में बरकरार रखा गया है। जयशंकर ने भी शपथ ली। पीयूष गोयल को भी मंत्रिमंडल में बरकरार रखा गया है।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को भी केंद्र में लाया गया है। उनको भी लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। तब कहा गया था कि उनको केंद्र में लाने की तैयारी है। कर्नाटक के पूर्व सीएम और जेडीएस के नेता एचडी कुमारस्वामी ने भी मंत्री के रूप में शपथ ली। जेडीएस एनडीए में बीजेपी की सहयोगी पार्टी है। धर्मेंद्र प्रधान को भी मंत्री पद बरकरार रखा गया है।
हम पार्टी के जीतन राम मांझी, जेडीयू के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने भी केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ली है। अश्विनी वैष्णव को भी मंत्री पद बरकरार रहा। बीजेपी नेता प्रह्लाद जोशी, गिरिराज सिंह, डॉ. विरेंद्र कुमार, सर्बानंद सोनोवाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, टीडीपी नेता राम मोहन नायडू ने भी शपथ ली।
भारत को लगातार दो तेल संकटों से उबारने में मदद करने वाले पूर्व राजनयिक हरदीप सिंह पुरी शपथ लेने वाले मंत्रियों में शामिल थे।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल होने के बाद अपने पिता रामविलास पासवान के 'असली' राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।
शपथ ग्रहण समारोह में श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना सहित भारत के पड़ोसी देशों और हिंद महासागर क्षेत्र के नेताओं ने भाग लिया।
छह पूर्व मुख्यमंत्रियों ने ली मंत्री पद की शपथ
नरेंद्र मोदी के साथ ही छह ऐसे नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई जो पूर्व में मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसमें सबसे ताज़ा मामला तो मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहरलाल खट्टर का है। असम के मुख्यमंत्री रह चुके सर्वानंद सोनोवाल को इस बार भी मंत्रिमंडल में जगह मिली है। राजनाथ सिंह मोदी सरकार में तीसरी बार कैबिनेट मंत्री बने हैं। राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। मोदी मंत्रिमंडल में जगह पाने वालों में बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी शामिल हैं।
अजित पवार गुट को राज्य मंत्री की पेशकश
महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन का हिस्सा एनसीपी के अजित पवार खेमे को नई मोदी सरकार में कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से निराशा हाथ लग सकती है। इसके बजाय एनसीपी को स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री का पद दिया जा रहा है जिसे पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल ने डिमोशन यानी पदावनति बताया है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा, 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को सरकार की ओर से एक सीट- स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री पद की पेशकश की गई। लेकिन उनकी ओर से प्रफुल्ल पटेल का नाम तय हो चुका था और वह पहले से ही मंत्री हैं। इसलिए, वह स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री का पद नहीं संभाल पाएंगे।'हालांकि फडणवीस ने कहा कि भविष्य में मंत्रिमंडल विस्तार के समय अजित पवार की पार्टी को ध्यान में रखा जाएगा। इस बीच, अजित पवार ने कहा कि पार्टी कैबिनेट मंत्री पद के लिए कुछ दिन इंतजार करने को तैयार है।
अपनी राय बतायें