राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की बहस में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर ज़बरदस्त हमला बोल दिया। उन्होंने विपक्षी दलों के महागठबंधन पर चोट करते हुए कहा कि यह दरअसल महामिलावट है। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे देश ने देखा है कि पूर्ण बहुमत वाली सरकार क्या कर सकती है।
रफ़ाल के बहाने राहुल पर चोट
नरेंद्र मोदी ने रफ़ाल मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी पर चोट करते हुए पूछा कि वे आख़िर किस कंपनी के लिए बोली लगा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी नहीं चाहती है कि देश की सुरक्षा मजबूत हो। उन्होंने कांग्रेस पर चोट करते हुए कहा कि बीते 55 साल में कोई रक्षा सौदा बग़ैर दलाली के हुआ ही नहीं है। 'हम भ्रष्ट्राचार पर लगातार हमले कर रहे हैं और इस मामले में हमारे ऊपर कोई बोझ नहीं है' मोदी ने यह कह कर संकेत देना चाहा कि कांग्रेस पार्टी के ऊपर अपने लोगों को बचाने का दबाव रहता है।प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर तंज करते हुए कहा, 'वह कहती है, ग़रीबी हटाओ, पर पिछले तीन बार के चुनावों में वह यही बात कहती आ रही है, लेकिन ग़रीबी हट ही नहीं रही है।' उन्होंने इस भाषण में भी भावनात्मक मुद्दा उठाया और कहा कि वे ग़रीब परिवार के हैं, इसलिए कांग्रेस उन पर हमले करती रहती है। उन्होंने कहा, 'मैं पूछता हूं कि मेरी ग़लती क्या है? मेरी ग़लती यह है कि मैं ग़रीब परिवार का हूँ और उनकी सल्तनत को चुनौती दे रहा हूं।' मोदी ने सल्तनत की बात कह गाँधी-नेहरू परिवार और उनकी राजनीति पर तंज किया।
'बी. सी. यानी बीफ़ोर कांग्रेस'
नरेंद्र मोदी ने अपने चिर-परिचित अंदाज में कांग्रेस पर व्यंग्य करते हुए कहा, 'कांग्रेस के मेरे मित्र सिर्फ बी.सी और ए. डी. की बात ही समझते हैं। बी. सी. यानी बीफ़ोर कांग्रेस और ए. डी. यानी आफ्टर डायनैस्टी। लेकिन आज का युवा मतदाता जिसका जन्म 21वीं सदी में हुआ, वह सवाल पूछेगा और कांग्रेस को जवाब देना होगा।''बेरोज़गारी बढ़ने का दावा ग़लत'
मज़े की बात यह है कि प्रधानमंत्री ने सदन में यह कहा कि बेरोज़गारी बढने की बात बेकार है। उन्होंने कहा कि असंठित क्षेत्र में रोज़गार बढ़ा है और पहले से अधिक लोगों के पास काम है। उन्होंने तर्क देते हुए कहा, देश में छह लाख प्रोफ़ेशनल हर साल बनते हैं। 'आप क्या सोचते हैं कि एक डाक्टर जब नर्सिंग होम खोलेगा तो क्या वह रोज़गार नहीं देगा?' लेकिन मोदी ने यह नहीं बताया कि देश में बीते चार साल में कितने डाक्टर बने हैं और कितने नर्सिंग होम खुले हैं। उन्होंने असंगठित क्षेत्र में कितने रोज़गार के मौके बने हैं, यह भी नहीं बताया। दिलचस्प बात यह भी है कि वे यह सब कुछ सदन में बोल रहे थे, किसी चुनावी रैली में नहीं।प्रधानमंत्री ने जीएसटी लागू करने की चर्चा करते हुए कहा कि 99 प्रतिशत चीजें 18 प्रतिशत या उससे कम की जीएसटी दर पर बिक रही हैं। उन्होंने नोटबंदी की तारीफ़ करते हुए कहा कि इस वजह से तीन लाख फ़र्ज़ी लाख कंपनियाँ बंद हो गईं। याद दिला दें कि जब कांग्रेस पार्टी की सरकार ने जीएसटी का प्रस्ताव रखा था तो बीजेपी ने उसका विरोध किया था। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी का ज़बरदस्त विरोध किया था और वह सबसे अधिक मुखर थे।
'कांग्रेस मुक्त भारत'
प्रधानमंत्री ने संसद में एक बार फिर कहा कि 'गाँधी जी आज़ादी के बाद कांग्रेस को भंंग कर देना चाहते थे, पर उनकी एक न सुनी गई। मैं उनके सपने को पूरा करना चाहता हूँ। मैं कांग्रेस को देश से ख़त्म कर कांग्रेस मुक्त भारत बनाना चाहता हूँ।' यहाँ यह याद करने लायक बात है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार इसी पर मोदी को खरी-खोटी सुनाई थी। उन्होंने कहा था कि संघ की यह भाषा नहीं है, भारतीय संस्कृति सबको लेकर चलने की है, किसी को ख़त्म करने की नहीं। इस पर राहुल गाँधी ने भी बाद में कहा था कि वह यहीं नही चाहते कि भारत बीजेपी से मुक्त हो जाए क्योंकि यह भारत की संस्कृति नहीं है। वे बीजेपी समेत सबको लेकर चलना चाहते हैं, राहुल ने कहा था।परंपरा के मुताबिक बजट सत्र के अंत में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित होता है, लेकिन उस पर पहले बहस होती है। बीजेपी ने यह प्रस्ताव बुधवार को सदन में पेश किया था। गुरुवार को इस बहस में भाग लेते हुए सबसे बड़े दल कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने सरकार पर रोज़गार के मौके नहीं बनाने, रफ़ाल और दूसरे कई मुद्दों पर हमले किए थे और उसे घेरने की कोशिश की थी। विपक्ष और सत्ता पक्ष के लोगों के बोलने के बाद प्रधानमंत्री ने सबका जवाब दिया और विपक्ष को आड़े हाथों लिया।
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