ऐसे समय जब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ख़तरे में है और सरकार की आलोचना करने वालों को निशाने पर लिया जाता है और उन पर बेवजह राजद्रोह और यूएपीए जैसे क़ानूनों के तहत मुक़दमा दायर कर दिया जाता है, प्रधानमंत्री का कहना है कि वे आलोचकों का बहुत ही सम्मान करते हैं, पर दुर्भाग्य से ऐसे आलोचकों की संख्या बहुत ही कम है।
नरेंद्र मोदी ने एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में कहा,
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मैं खुले दिल से आलोचकों का बहुत सम्मान करता हूँ, लेकिन दुर्भाग्य से आलोचकों की संख्या बेहद कम है। ज़्यादातर लोग सिर्फ आरोप लगाते हैं।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
उन्होंने इसके आगे कहा, "जो लोग धारणा के आधार पर खेल करने का प्रयास करते हैं, उनकी संख्या बहुत ज्यादा है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि 'अधिकतर लोग आरोप लगाते हैं, क्योंकि उनके पास मुद्दे के बारे में पढ़ने की फुरसत नहीं है, जबकि आलोचना गहन शोध या अध्ययन पर आधारित होती है।'
नरेंद्र मोदी ने इस इंटरव्यू में अपनी सरकार की उपलब्धियाँ भी गिनाईं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अनुसंधान पर ज़ोर दिया है।
मोदी ने दावा किया कि भारत ने कोरोना टीकाकरण के लिए मई 2020 में ही तैयारी शुरू कर दी थी, जब दुनिया में कहीं भी किसी वैक्सीन को कोई मंजूरी नहीं मिली थी।
उन्होंने कहा, "हम नहीं चाहते थे कि टीकाकरण का यह मिशन पहले की तरह चले, जिसमें दशकों का वक्त लगे। हम तेज गति वाला प्रभावी और समयबद्ध तरीके से वैक्सीनेशन को अंजाम देना चाहते थे।"
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