प्रधानमंत्री मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को आरक्षण विरोधी क़रार दिया है। उन्होंने कहा कि पहले जो आरक्षण मिला था वह बी आर आंबेडकर की वजह से था। नेहरू को आरक्षण विरोधी बताने के लिए प्रधानमंत्री ने नेहरू द्वारा तब के मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र का हवाला दिया।
यह कहते हुए कि कांग्रेस हमेशा दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों के खिलाफ रही है, प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को कहा कि जवाहरलाल नेहरू नौकरियों में किसी भी प्रकार के आरक्षण के पक्ष में नहीं थे। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र पढ़ा।
नेहरू जी कहते थे कि अगर SC/ST, OBC को नौकरी में आरक्षण मिला तो सरकारी कामकाज का स्तर गिर जाएगा।
— BJP (@BJP4India) February 7, 2024
आज जो ये आंकड़े गिनाते हैं, उसका मूल यहीं है।
अगर उस समय सरकार में भर्ती हुई होती, तो वो प्रमोशन के बाद आगे बढ़ते और आज यहां पहुंचते।
- पीएम @narendramodi pic.twitter.com/45cSUBZfJl
पीएम मोदी ने नेहरू के ख़त को पढ़ते हुए कहा, "मैं इसका अनुवाद पढ़ रहा हूं- 'मैं किसी भी तरह के आरक्षण को नापसंद करता हूं, खासकर नौकरियों में। मैं ऐसी किसी भी चीज के सख्त खिलाफ हूं जो अक्षमता और दोयम दर्जे के मानकों को जन्म देती है।' ...इसलिए मैं कहता हूं कि वे जन्म से ही इसके (आरक्षण) खिलाफ हैं... अगर सरकार ने उस समय भर्ती की होती और उन्हें समय-समय पर पदोन्नत किया होता, तो वे आज यहां होते।"
पीएम मोदी उस पत्र का जिक्र कर रहे थे जो जवाहरलाल नेहरू ने 27 जून, 1961 को मुख्यमंत्रियों को लिखा था। उस ख़त में पिछड़े समूहों को अच्छी शिक्षा तक पहुंच प्रदान करके सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया था, न कि जाति के आधार पर नौकरियों को आरक्षित करके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पार्टी की सोच पुरानी हो गई है। उन्होंने कांग्रेस पर देश को बांटने के लिए नैरेटिव गढ़ने का आरोप लगाया। पीएम ने कहा कि पार्टी अब उत्तर-दक्षिण विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रही है।
तीन दिन में यह दूसरी बार है जब पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला करने के लिए नेहरू का जिक्र किया है। सोमवार को लोकसभा में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू सोचते थे कि भारतीय आलसी होते हैं और उनके पास अपने अमेरिकी और चीनी समकक्षों की तुलना में कम अक्ल होती है।
दो दिन पहले लोकसभा में मोदी ने नेहरू का नाम लेकर कहा था, 'देश के नागरिकों के लिए वो कैसा सोचते थे। अगर मैंने नाम बोला तो उनको चुभन होगी, लेकिन लाल किले से पीएम नेहरू ने जो कहा था वो एक बार सुनना चाहिए। उन्होंने कहा था कि हिंदुस्तान में काफी मेहनत करने की आदत आम तौर पर नहीं है। हम उतना काम नहीं करते हैं जितना कि यूरोप वाले, जापान वाले, अमेरिका वाले, रूस वाले करते हैं। यह न समझिए कि वह कौमें कोई जादू से खुशहाल हो गई। वे मेहनत और अक्ल से हुई हैं।'
प्रधानमंत्री ने नेहरू पर हमला करते हुए कहा था कि वे भारत के लोगों को नीचा दिखा रहे थे, नेहरू जी की भारतीयों के लिए सोच थी कि वे आलसी और कम अक्ल के लोग होते हैं।
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया था कि जब भी कांग्रेस सत्ता संभालती है तो महंगाई लगातार बढ़ती रहती है। उन्होंने कहा, 'कभी कहा गया था कि हर चीज़ की कीमत बढ़ जाने की वजह से मुसीबत फैली है, आम जनता उनमें फंसी है। यह नेहरू जी ने लाल किले से कहा था, 10 साल बाद भी महंगाई के यही गीत कहे गए थे। देश का पीएम रहते उन्हें 12 साल हो गए थे लेकिन हर बार महंगाई काबू में नहीं आ रही थी।'
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