हरिद्वार में हुई धर्म संसद को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से प्रतिक्रिया आई है। आरएसएस की मुसलिम विंग राष्ट्रीय मुसलिम मंच ने कहा है कि हरिद्वार की धर्म संसद में की गई टिप्पणी किसी सभ्य समाज के लिए सही नहीं है। मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अख्तर ने कहा कि संघ या सरकार का किसी धर्म संसद से कोई नाता नहीं है और मुसलिम राष्ट्रीय मंच ऐसे आयोजन का बिल्कुल भी समर्थन नहीं करता।
मंच की ओर से इन दिनों उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में मुसलिम समुदाय का समर्थन जुटाने के उद्देश्य से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान ही मंच की ओर से यह बयान दिया गया है।
बता दें कि हरिद्वार में हुई धर्म संसद के खिलाफ ना सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में रहने वाले प्रवासी भारतीय भी लगातार आवाज उठा रहे हैं।
अभी भी संघ प्रमुख मोहन भागवत या किसी और बड़े नेता ने धर्म संसद की निंदा नहीं की है। लेकिन अब जब मुसलिम राष्ट्रीय मंच की ओर से यह बयान आया है, तो माना जाना चाहिए कि संघ प्रमुख या कोई और बड़ा पदाधिकारी भी इस मामले में खुलकर बयान देगा।
अहमियत न दें: गडकरी
इससे पहले इस मामले में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी प्रतिक्रिया दी थी। गडकरी ने कहा था कि इस तरह की बातों को नजरअंदाज करना चाहिए और इन्हें महत्व नहीं दिया जाना चाहिए। गडकरी ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा था कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा, हमें सभी धर्मों के प्रति सम्मान रखना चाहिए और किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए।
हरिद्वार की धर्म संसद में हिंदू रक्षा सेना के प्रबोधानंद गिरी, यति नरसिंहानंद सरस्वती, पूजा शकुनि पांडे उर्फ साध्वी अन्नपूर्णा, वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण ने मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफरती भाषण दिए और नरसंहार की बातें कहीं।
प्रबोधानंद गिरि की फोटो कई बीजेपी नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर आ चुकी हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हैं।
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