भारत सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कहा है कि किसी एक समूह या किसी एक व्यक्ति के अपराध के लिए पूरे मुसलिम समुदाय को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। नक़वी ने कहा कि अल्पसंख्यक समाज में अधिकांश लोगों ने तब्लीग़ी जमात के कृत्य की निंदा की है।
नक़वी ने भरोसा जताया कि रमज़ान के दौरान मुसलमान लॉकडाउन की गाइडलाइंस का पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि देश भर के उलेमा, इमाम और मुसलिम संगठनों ने मिलकर यह फ़ैसला लिया है कि रमज़ान के दौरान मुसलमान मसजिदों में इकट्ठा नहीं होंगे और इफ़्तार सहित बाक़ी धार्मिक कार्यक्रम घर पर ही करेंगे और इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखेंगे।
नक़वी ने कहा कि कोई भी मुसलमान रमज़ान के दौरान मसजिदों से दूर नहीं रहना चाहता लेकिन इस बार सभी ने कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ इस लड़ाई को जीतने का संकल्प लिया है।
कुछ दिन पहले ही दुनिया के 57 मुसलिम देशों के समूह ऑर्गनाइजेशन ऑफ़ इसलामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) ने भारत सरकार से मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा के लिए और इसलामोफ़ोबिया को लेकर बढ़ रही घटनाओं को लेकर क़दम उठाने के लिए कहा था। इसके बाद नक़वी ने बयान दिया था कि भारत मुसलमानों के लिए स्वर्ग है।
नक़वी ने कहा कि जो लोग मुसलमानों को निशाना बना रहे हैं और ग़लत बातों का प्रचार कर रहे हैं, हमें मिलकर उन्हें अलग-थलग कर देना चाहिए।
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