मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगी बैरसिया तहसील में 100 से ज्यादा गायों के शव और कंकाल मिलने से सनसनी फैल गई है। गायों के शव और कंकाल बीजेपी नेत्री की गोशाला के बताये जा रहे हैं। भूख-प्यास और बीमारी की वजह से गायों की मौतें होने का अंदेशा है। प्रशासन ने लाइसेंस कैंसल करते हुए गोशाला को अपने कब्जे में ले लिया है।बता दें, रविवार को एक वीडियो वायरल हुआ - जिसमें बड़ी संख्या में गायों के शव और कंकाल नज़र आ रहे थे। वायरल वीडियो को लेकर दावा किया गया था कि गायों की दुर्दशा से जुड़ा वीडियो भोपाल से करीब 40 किलोमीटर दूर बैरसिया तहसील में संचालित होने वाली एक निजी गोशाला का है। गोशाला को एक दंबग बीजेपी महिला नेता द्वारा चलाया जाना भी बताया गया।
वायरल वीडियो को देखते ही भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया एक्शन में आ गये। बिना देर किए दल-बल के साथ वे बैरसिया पहुंचे तो दृश्यों को देखकर वे अवाक रह गए।एक बड़े गड्ढे में गायों के काफी शव पाये गये। जबकि काफी संख्या में गायों के शव एवं कंकाल गोशाला के आसपास की सरकारी जमीन और कुछ खेतों में भी बिखरे हुए मिले। कई शव और कंकाल सड़ी-गली अवस्था में मिले।
गोशाला का संचालन भाजपा की नेता निर्मला देवी शांडिल्य करती हैं। लंबे वक्त से वे गोशाला चला रही हैं।वीडियो वायरल होने के बाद ग्रामीण सड़कों पर आ गए। उन्होंने जमकर प्रदर्शन किया। नारेबाजी की। तनाव के हालातों के मद्देनज़र गांव में पुलिस बल बढ़ा दिया गया है। स्थानीय नेता और कांग्रेस की भोपाल ग्रामीण इकाई के अध्यक्ष अवनीश भार्गव ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा -
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भाजपा नेत्री की गोशाला में गायों की दुर्दशा और बड़ी संख्या में गायों की मौतों का पहला मामला नहीं है। पहले भी यह सब हुआ है। चूंकि प्रशासन और सरकार में नेत्री का दखल है, लिहाजा कुछ दिन के हंगामे के बाद मामला रफा-दफा हो जाता है।
भार्गव ने विरोध करने वालों पर अपने रसूख़ और पुलिस की मदद से झूठे केस दर्ज करवाने, अवैध क़ब्ज़े करने, गोशाला संचालन के फंड में भारी हेरफेर और गोवंश अवशेषों की तस्करी में लिप्त होने का आरोप भी गोशाला संचालक शांडिल्य पर लगाया है।
वीडियो वायरल होने के बाद से गोशाला संचालक शांडिल्य भूमिगत बताई जा रही हैं।
लाइसेंस निरस्त, रिपोर्ट बाद कार्रवाई करेंगे: डीएम
भोपाल कलेक्टर लवानिया ने मौके का मुआयना करने के बाद कहा, ‘गोशाला का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। संचालन के लिए प्रशासन अपने हाथों में इसका कब्जा ले लिया है। एक सरकारी अफसर को रिसीवर बनाया गया है।’सवालों के जवाब में कलेक्टर ने स्वीकारा, ‘पूरा मामला बेहद अमानवीय है। मौत के बाद पशुओं के अंतिम संस्कार संबंधी नियमों की अनदेखी की गई है। जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।’
गोशाला में 250 से ज्यादा गायें रखी गई हैं। आरोप है कि भूख-प्यास और ठंड से गायों की लगातार मौतें हो रहीं थीं, लेकिन गोशाला के कर्ताधर्ता इस ओर ध्यान नहीं दे रहे थे।
शनिवार को भी नौ गायों की मौत की बात सामने आयी थी। मौत के बाद शवों को एक गड्ढे में ठेल दिया गया था। इस गड्डे में करीब 20 ताजा शव मिले हैं। जबकि 80 से कुछ ज्यादा गायों के सड़े-गले शव तथा कंकाल गोशाला के आसपास खुले मैदान एवं खेतों से बरामद हुए हैं।जिला प्रशासन ने गोशाला को अपने कब्जे में लेने के अलावा फिलहाल बीमार गायों की देखभाल के लिए मेडिकल कैम्प भी लगवा दिया है। काफी संख्या में गायों की हालात खराब बताई जा रही है। कई गायें बहुत ज्यादा बीमार एवं मरणासन्न स्थिति में भी बताई गई हैं।
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