महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण की चपेट में आने वालों में सबसे ज़्यादा लोग 21 से 30 साल की उम्र के युवा हैं। स्वास्थ्य विभाग के आँकड़ों से यह बात साफ़ होती है।
महाराष्ट्र में सबसे ज़्यादा 5,652 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में हैं। इसमें सबसे अधिक 1022 लोग इसी उम्र के हैं। इसके अलावा 965 लोग 31 से 40 साल की बीच की उम्र के हैं।
युवाओं के अधिक संक्रमित होने की वजह यह समझी जाती है कि वे अधिक बाहर निकल रहे हैं और घूम फिर रहे हैं या काम कर रहे हैं और एक जगह से दूसरी जगह जा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के एक अफ़सर ने कहा, ‘इस उम्र के लोगों के बाहर अधिक निकलने की वजह यह हो सकती है कि उन्हें रोज़गार के सिलसिले में बाहर जाना पड़ता है, उनके ऊपर पारिवारिक दबाव होता है, और वे दूसरे कारणों से भी वे बाहर निकलते हैं।’
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘बड़ी तादाद में लोग ठीक भी हो रहे हैं। जिन लोगों में दूसरी तरह की स्वास्थ्य समस्याएं नहीं है, वे जल्द ठीक भी हो रहे हैं।’
किशोर भी संक्रमित
दूसरी ओर 11 से 20 साल की उम्र के लोगों में संक्रमण कम है, अब तक इस समूह के 399 लोग संक्रमित हो चुके हैं। लेकिन इससे यह भी साफ़ है कि कम उम्र के लोग और किशोर भी कोरोना से अछूते नहीं हैं।
कोई सुरक्षित नहीं!
इसी तरह 71 से 80 साल की उम्र के 143 लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ और उसमें से 24 लोगों की मौत हो चुकी है। इन आँकड़ों ने उन पुरानी बातों को ग़लत साबित कर दिया है कि कोरोना संक्रमण बुजुर्गों में अधिक हो रहा है। आँकड़े बता रहे हैं कि ऐसा नहीं है, यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है, और किशोर भी सुरक्षित नहीं हैं।
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