सोमवार से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो गया है। कोरोना के बेतहाशा बढ़ते मामलों के बीच इस सत्र में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा गया है और एहतियात बरते जाने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।
कोरोना संकट को लेकर बिगड़ते हालात पर डॉ. हर्षवर्धन ने लोकसभा में कहा कि इस महामारी के संक्रमण और इससे होने वाली मौतों के ज्यादातर मामले महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, बिहार, तेलंगाना, ओडिशा, असम, केरल और गुजरात से हैं।
बीजेपी सांसद रवि किशन ने कहा कि नशीले पदार्थों की तस्करी चरम पर है और हमारे पड़ोसी देशों द्वारा देश के युवाओं को बर्बाद करने की साज़िश रची जा रही है। रवि किशन ने कहा कि हर साल पाकिस्तान और चीन से नशे की तस्करी होती है और यह पंजाब और नेपाल के जरिये लाई जाती है।
डीएमके और सीपीआई (एम) ने एनईईटी एग्जाम को लेकर 12 परीक्षार्थियों के आत्महत्या करने को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। जबकि कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और के. सुरेश ने लद्दाख में चीनी घुसपैठ को लेकर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।
सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्रकारों से कहा, ‘कोरोना भी है, कर्तव्य भी है और सभी सांसदों ने कर्तव्य का रास्ता चुना है। मैं सभी सांसदों को उनकी इस पहल के लिए बधाई देता हूं और उनका धन्यवाद करता हूं।’
मोदी ने कहा, ‘बजट सत्र समय से पहले ही रोकना पड़ा था। इस बार भी संसद के सदनों का समय बदलना पड़ा है। इस सत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय होंगे, अनेक विषयों पर चर्चा होगी, हम सभी का अनुभव है कि लोकसभा में जितनी गहन चर्चा होती है, उतना सदन को भी, विषय वस्तु को भी और देश को भी लाभ होता है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कोरोना से बने जो हालात हैं, उसमें जिन सतर्कताओं के विषय में सूचित किया गया है, हमें उन सभी का पालन करना है। यह भी साफ है कि जब तक कोई दवाई नहीं, तब तक कोई ढिलाई नहीं।’
चीन के साथ सीमा पर चल रहे तनाव को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे जवान सीमा पर डटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सदन के सभी सदस्य एक स्वर से, एक संकल्प से संदेश देंगे कि देश सेना के जवानों के पीछे खड़ा है।
सरकार को घेरने में जुटा विपक्ष
विपक्ष इस दौरान जीडीपी में गिरावट, फ़ेसबुक विवाद, बढ़ती बेरोज़गारी, सीमा पर तनाव जैसे अहम विषयों को लेकर सरकार को घेरता दिख रहा है। कांग्रेस जनहित के मुद्दों पर 'कामरोको प्रस्ताव' लाकर मोदी सरकार को जवाब देने के लिए मजबूर कर सकती है।
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